छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों को राहत की उम्मीद

छत्तीसगढ़ रायपुर
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रायपुर, 14 अक्टूबर (ए) कोविड-19 लॉकडाउन के कारण पिछले सात महीने से बंद सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सों के मालिक छत्तीसगढ़ सरकार से राहत की उम्मीद लगाए हुए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति नहीं दी है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने मंगलवार को बंद और खुले स्थानों में होने वाले सामाजिक, खेल, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक और मनोरंजन के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए, लेकिन सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति नहीं दी है।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से सिनेमाघरों, नाटकघरों और मल्टीप्लेक्स को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन इस संबंध में अंतिम फैसला लेने का अधिकार राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों पर छोड़ा है।

राज्य में पिछले सप्ताह सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक ज्ञापन सौंपकर सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स को फिर से खोलने का अनुरोध किया था।

एसोसिएशन के सदस्य लाभांश तिवारी ने बताया, ‘‘सिनेमाघरों से जुड़ा व्यवसाय खराब दौर से गुजर रहा है। हम पिछले सात महीनों से संपत्ति कर, बिजली बिल, कर्मचारियों के वेतन और जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं। अभी तक हम कर्मचारियों को वेतन दे रहे हैं, लेकिन हालात ऐसे रहे तो दिक्कतें बढ़ेंगी।’’

रायपुर में श्याम टॉकीज चलाने वाले तिवारी ने कहा कि सिनेमा घरों का संचालन करने वालों ने कोरोना वायरस से सुरक्षा से संबंधित निर्देशों का पालन करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।

उन्होंने कहा कि भले ही सिनेमा घर अभी खुल जाएं लेकिन सामान्य कामकाज बहाल होने में समय लगेगा, और फिलहाल कोई नई फिल्म भी रिलीज नहीं होने वाली है।

धमतरी निवासी एसोसिएशन के छत्तीसगढ़ प्रभारी शांतिलाल लुंकड़ ने बताया कि एसोसिएशन ने सरकार से सिनेमा घरों को बिजली बिल और संपत्ति कर में छूट देने की मांग की है।

लुंकड़ ने बताया कि राज्य में सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स सहित लगभग 140 स्क्रीन हैं। इनमें लगभग 4,500 कर्मचारी काम करते हैं। लॉकडाउन के कारण दो प्रसिद्ध सिंगल स्क्रीन भिलाई में चंद्रा टॉकीज और राजनांदगांव में कमल टॉकीज को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जल्द ही स्पष्ट करना चाहिए कि वह सिनेमा घरों को कब से खोलने का अनुमति देंगे।