उत्तर प्रदेश: धर्मांतरण रोधी कानून के तहत 18 लोग गिरफ्तार

आजमगढ़ उत्तर प्रदेश
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आजमगढ़ (उप्र), 29 मई (ए) आजमगढ़ जिले की पुलिस ने बहराइच और बाराबंकी के आसपास के जिलों में कथित तौर पर इस्लाम कबूल करने के लिए (धर्मांतरण) प्रलोभन देने के आरोप में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।.

आरोपियों को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनीता ने सोमवार को नौ दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ‘विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम’ के तहत देवगांव थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार अभियुक्त अवधेश सरोज और उसकी पत्‍नी उषा देवी, हसीना, पन्ना लाल गुप्ता, फरीद मोहम्मद, मुहम्‍मद सवरोज, रमजान, रसीद, शहाबुद्दीन, सिकंदर, मोहम्‍मद जावेद (दरगाह-मऊ), फैयाज, कुंदन बेनवंशी, परवेज आजम, इरफान, साबिर अली, आकाश सरोज और जावेद अहमद (मधुबन-मऊ) को सोमवार को जिला कारागार आजमगढ़ से तलब कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनीता की अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उन्‍होंने छह जून तक के लिए आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनुराग आर्य ने कहा कि बहराइच और बाराबंकी के आसपास के जिलों में कथित तौर पर प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने के आरोप में उपरोक्‍त 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

उन्‍होंने बताया कि यह मामला 21 मई को तब सामने आया जब यहां देवगांव कोतवाली क्षेत्र के चिरकिहिट गांव में कव्वाली का आयोजन किया गया था, जिसमें बलरामपुर के कव्वाली गायक फरीद अहमद को बुलाया गया था और इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को कथित तौर पर पैसे की पेशकश की गई थी और इस्लाम कबूल करने का लालच दिया गया था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के बहाने उपस्थित लोगों को हिंदू धर्म की कमियां बताकर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए बरगलाया जा रहा था।

आर्य ने कहा कि जब पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर मौके पर छापा मारा, तो कुछ आरोपी हंगामे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए।

पुलिस ने मौके से मामले के ‘मास्टरमाइंड’ और दो महिलाओं सहित 18 लोगों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की और उनके कब्जे से सात त्रिशूल, दो मुस्लिम धर्मगुरुओं की तस्वीरें, एक हारमोनियम, एक कार और एक टेम्पो, बाइक जब्त की।

आर्य ने बताया कि धर्मांतरण का मुख्य सरगना सिकंदर है जो जिले के बरदह का निवासी है और उसके द्वारा ही झांड फूक आदि के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहा था।

सिकंदर आजमगढ़ का मूल निवासी है लेकिन बहराइच जिले के एक ‘मजार’ में रहता है ।

पुलिस ने बताया कि धर्मांतरण का प्रयास किया था और यह सिंकदर का पहला ही प्रयास था, जिसमें वह नाकाम हो गया। उसने बताया कि जांच के दौरान, यह पाया गया कि आरोपियों के समूह ने पास के बाराबंकी जिले में ‘मजारों’ का दौरा किया।

एसपी ने बताया कि पुलिस बाराबंकी और बहराइच जिले की मजारों पर नजर रख रही है ताकि पता किया जा सके कि ऐसे ही मामले वहां तो नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि विवेचना में अन्य लोगों के नाम सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने कहा कि जांच एजेंसियां गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर रही हैं और मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।