नयी दिल्ली, पांच जनवरी (ए) आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को शुक्रवार को राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया और संजय सिंह तथा एन.डी. गुप्ता को ऊपरी सदन में दूसरे कार्यकाल के लिए पुन: नामित किया। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने नामांकन की घोषणा की। पीएसी की अध्यक्षता ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की।पार्टी ने कहा, ‘‘डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को पहली बार नामित किया गया है। पीएसी ने संजय सिंह तथा एन.डी. गुप्ता को राज्यसभा सदस्य के तौर पर उनके दूसरे कार्यकाल के लिए पुन: नामित करने का फैसला किया है।’’
उसने कहा कि समिति ने दो मौजूदा सदस्यों को पुन: नामित करने का फैसला किया है जबकि सुशील कुमार गुप्ता ने हरियाणा की चुनावी राजनीति पर अपना ध्यान केंद्रित करने की इच्छा जतायी है।
सुशील कुमार गुप्ता का राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्यकाल इस महीने के अंत में समाप्त हो जाएगा।
‘आप’ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने हरियाणा के चुनावी परिदृश्य में सक्रियता से भाग लेने की अपनी इच्छा व्यक्त की है और हम इस रास्ते पर आगे बढ़ने के उनके फैसले का सम्मान करते हैं।’’
डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष मालीवाल महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक मुद्दों की सक्रिय कार्यकर्ता भी हैं। वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा से लड़ने, सख्त कानूनों की पैरवी करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्यों वाले विभिन्न अभियानों और आंदोलनों से भी जुड़ी रही हैं।
उन्हें 2015 में डीसीडब्ल्यू का अध्यक्ष बनाया गया था जहां उन्होंने दिल्ली में तेजाब हमलों, यौन उत्पीड़न और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों से निपटने के लिए कई पहलों की अगुवाई की।
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार संजय सिंह को यहां एक अदालत ने राज्यसभा सदस्य के तौर पर पुन: नामांकन के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी है।
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिंह की अर्जी पर यह आदेश पारित किया। सिंह ने कहा था कि राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका मौजूदा कार्यकाल 27 जनवरी को खत्म हो रहा है और निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव कराने तथा इसके लिए नौ जनवरी तक नामांकन दाखिल करने का एक नोटिस दो जनवरी को जारी किया।
अर्जी में तिहाड़ जेल के अधीक्षक को सिंह को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।