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आयकर छूट सीमा 12 लाख होने से एक करोड़ और लोगों को नहीं देना होगा कर: सीतारमण

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नयी दिल्ली: एक फरवरी (ए) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार ने बजट में आयकर स्लैब में बदलाव के माध्यम से लोगों की जेब में अच्छा पैसा डाला है। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर छूट सीमा को सालाना सात लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक बढ़ाने के कारण एक करोड़ और लोगों को अब कोई कर नहीं देना होगा।सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में व्यक्तिगत करदाता के लिए आयकर छूट सीमा को मौजूदा के सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये सालाना कर दिया है। यानी जिन लोगों की आय 12 लाख रुपये सालाना है, उन्हें अब कोई कर नहीं देना होगा।

बजट के बाद संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने कहा, ‘‘छूट 12 लाख रुपये तक बढ़ने से एक करोड़ और लोगों को कोई आयकर नहीं देना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने आयकर दर में बदलाव के माध्यम से लोगों के हाथों में पर्याप्त मात्रा पैसा दिया है…।’’

बजट में 12 लाख रुपये से अधिक आय वाले और नई कर व्यवस्था के तहत आईटीआर दाखिल करने वालों के लिए 2025-26 में अर्जित आय पर कर देनदारी की गणना के लिए कर स्लैब को संशोधित किया गया है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘हमने मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए कर दरें कम की हैं।’’

वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में कर उछाल यानी सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी में परिवर्तन के संबंध में कर राजस्व में बदलाव का अनुपात 1.42 रहने का अनुमान है जो चालू वित्त वर्ष में दो प्रतिशत से कम है।

पांडेय ने कहा, ‘‘हमने कर छूट के कारण राजस्व में होने वाले नुकसान को देखते हुए कर राजस्व में मध्यम स्तर पर उछाल का अनुमान लगाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘75 प्रतिशत आयकर दाखिल करने वाले पहले ही नई आयकर व्यवस्था में आ चुके हैं। हम उम्मीद करते हैं कि प्रत्येक करदाता अंततः नई कर व्यवस्था को अपनाएगा।’

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