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उत्तर प्रदेश में सवालों से घिरी सभी मुठभेड़ों की न्यायिक जांच होनी चाहिए: प्रियंका गांधी

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नयी दिल्ली: 23 सितंबर (ए) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश में डकैती के मामले में आरोपी एक व्यक्ति की पुलिस साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सोमवार को कहा कि यह असंवैधानिक काम बंद होना चाहिए तथा जितनी मुठभेड़ें सवालों एवं संदेह के घेरे में हैं, उन सबकी न्यायिक जांच की जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि भय का साम्राज्य कायम करने की करतूतों को कानून-व्यवस्था का नाम देना संविधान का अपमान है।पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुलतानपुर में पिछले माह एक सर्राफा कारोबारी की दुकान में हुई डकैती के मामले का एक और आरोपी अमेठी जिले के मोहनगंज थाना क्षेत्र के जनापुर निवासी अनुज प्रताप सिंह सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के साथ उन्नाव में हुई मुठभेड़ में मारा गया।

प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हत्या, हिंसा, रक्तपात और जीवन छीन लेने की राजनीति का कानून, बुलडोजर का कानून, इसका संविधान और न्याय से कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक वर्चस्व और भय का साम्राज्य कायम करने की करतूतों को कानून-व्यवस्था का नाम देना संविधान का अपमान करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था समाज में शांति स्थापित करने, अपराधी को सुधार के लिए दंडित करने और हर नागरिक को जीवन जीने का मौका देने की बुनियाद पर टिकी होती है। अपवाद छोड़कर, अदालत के आदेश के बिना ली गई हर जान सिर्फ और सिर्फ हत्या है।’’

प्रियंका गांधी ने दावा किया कि खबरों में आए आंकड़ों के अनुसार पिछले सात साल में उत्तर प्रदेश में लगभग 13,000 मुठभेड़ हुई हैं।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या इससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुधर गई? अपराध तो रुक नहीं रहे हैं। फिर इसका मकसद क्या है? यह खेल किसलिए खेला जा रहा है?’’

प्रियंका गांधी ने कहा कि यह असंवैधानिक काम बंद होना चाहिए और जितनी मुठभेड़ें सवालों और संदेह के घेरे में हैं, उन सबकी न्यायिक जांच की जानी चाहिए।

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