लखनऊ,21 अगस्त (ए)। यूपी में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर शुक्रवार को सपा और बसपा सदस्यों ने विधान परिषद से बहिर्गमन किया। शून्यकाल के दौरान सपा सदस्यों ने कार्यस्थगन की सूचना के जरिए प्रदेश की कथित खराब कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया। सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिलना आम बात हो गयी है। कानपुर निवासी रोग निदान कर्मी संजीत यादव की फिरौती लेने के बाद हत्या कर दी गयी। उसका शव दो माह बाद भी बरामद नहीं हो सका है। कानपुर के ही बिकरू कांड में पुलिसकर्मियों की हत्या सरकार पर कभी न मिटने वाला दाग है। प्रदेश में बलात्कार और महिला उत्पीड़न की अन्य वारदात को दबाया जा रहा है। पुलिस मुकदमे दर्ज करने से परहेज कर रही है
कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह ने प्रदेश में पत्रकारों की हत्या की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में पहली बार 13 पुलिसकर्मियों की हत्या की गयी और धर्म, जाति की आड़ में बचाव की कोशिश की गयी। एक विधायक की थाने में पिटाई की गयी। नेता प्रतिपक्ष राम सुंदर दास निषाद ने कहा कि कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गयी। परसों तो एक बस का ही अपहरण कर लिया गया। गोंडा में बहन के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी। नेता सदन उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने जवाब में कहा कि यह सही है कि कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं।
कांग्रेस और सपा सदस्यों ने जिन जिलों की घटनाओं का जिक्र किया है, वहां कार्रवाई हुई है और अपराधी पकड़े गए हैं। कानपुर के संजीत यादव हत्याकांड की सीबीआई जांच की सिफारिश भी की गयी है। अब पहले जैसी स्थिति नहीं है कि अपराध करो और बेखौफ घूमो। नेता सदन के इस जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। इसके बाद बसपा सदस्यों ने भी प्रदेश की कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए सदन का बाकी काम रोककर इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की। दिनेश चंद्रा तथा अन्य की इस कार्यस्थगन सूचना में आजमगढ़ के तरवां क्षेत्र के बांसगांव के अनुसूचित जाति के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया गया।
बसपा सदस्य सुरेश कश्यप ने कहा कि जब गांव के मौजूदा प्रधान की दिनदहाड़े हत्या हो जाती है तो फिर कानून-व्यवस्था किस तरह अच्छी कही जा सकती है। प्रदेश में हर तरफ हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाओं की बाढ़ आ गयी है। बसपा दल के नेता दिनेश चंद्रा ने कहा कि सिर्फ आजमगढ़ में ही कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब है कि लगातार घटनाएं हो रही हैं। लालगंज और सगड़ी तहसील में दो लोगों की हत्या हो गयी। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे वारदात को अंजाम देने के बाद बेखौफ होकर चले जाते हैं। अपराधों की सूची बहुत लंबी है। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सरकार बनी है तब से सत्ता में उच्च पदों पर बैठे लोगों ने अपने ही मुकदमे वापस ले लिए हैं। बिकरू कांड की आड़ में सम्पूर्ण ब्राह्मण बिरादारी पर अत्याचार करना गलत है।
नेता सदन शर्मा ने इसपर कहा कि अगर अपराधियों को मारना उत्पीड़न है तो इसका मतलब है कि आप जाति के नाम पर अपराधियों का संरक्षण करते हैं। बसपा सदस्यों के आरोप अनर्गल हैं। वे दुष्प्रचार कर सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। उन्होंने बसपा की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल से मौजूदा सरकार के कार्यकाल की तुलना करते हुए दावा किया कि इस सरकार के कार्यकाल में अपराधों में गिरावट आई है। नेता सदन के इस जवाब से असंतुष्ट होकर बसपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।