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किसानों का हल्ला बोल जारी, सिंधु बॉर्डर पर झड़प मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

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नई दिल्ली, 01 दिसम्बर (ए)। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 6 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का हल्ला बोल जारी है। पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं और लगातार आंदोलन कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसान डेरा जमाए हुए हैं। इस बीच बड़ी खबर है कि सिंघु बॉर्डर पर बीते शुक्रवार को पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हुए झड़प को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक्शन लिया है। दिल्ली पुलिस ने सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान झड़प मामले में पुलिस को अपनी ड्यूटी निभाने से रोकने समेत अन्य धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। 
दिल्ली के अलीपुर पुलिस स्टेशन में धारा 186, 353, 332, 323, 147, 148, 149, 279, 337, 188, 269 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यहां बताना जरूरी है कि सिंघु बॉर्डर पर 27 नवंबर यानी शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश थी, जिस दौरान पुलिस से झड़प हुई थी और पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे और वॉटर कैनन का इस्तेमाल भी किया था।

हालांकि, इस बीच किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें मनाने की कवायद तेज कर दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को आज बातचीत करने के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी एवं सर्दी को ध्यान में रखते हुये हमने किसान यूनियनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के ​लिये आने का न्यौता दिया है।’ उन्होंने बताया कि अब यह बैठक एक दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलायी गई है। उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को हुई बैठक में शामिल सभी किसान नेताओं को इस बार भी आमंत्रित किया गया है।
फिलहाल, सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पूरी तरह बंद है। गाजियाबाद बॉर्डर पर भी भारी संख्या में किसान जमे हुए हैं और पुलिस की वहां भी ठोस बैरिकेडिंग है। किसान अब दिल्ली के बाकी बॉर्डर को बंद करने की तैयारी में हैं। अगर सरकार उनकी मांगें नहीं सुनती है तो किसानों ने दिल्ली को चारों तरफ से ब्लॉक करने की चेतावनी दी है।
पंजाब और हरियाणा से आए किसानों की सबसे बड़ी चिंता एमएसपी को लेकर है। उनकी मांग है कि उनकी बातें सुनीं जाए और उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर तक जाने दिया जाए। अन्नदाताओं की दूसरी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को लेकर है। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने लंबे आंदोलन की योजना से दिल्ली कूच किया है। वह पूरी तैयारीर के साथ आए हैं और दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। 

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