बरगढ(ओडिशा) 25 दिसम्बर (ए)। ओडिशा के एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी के हौसले ने यह साबित कर दिया है कि कुछ करने का इरादा हो तो उम्र का कोई बंधन नहीं होता। अगर इरादे मजबूत हो तो मंंंजि ल आसानी से मिल जाती है। 64 वर्षीय जयकिशोर प्रधान ने हाल में ही वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लिया है।
जयकिशोर ओडिशा के बरगढ़ जिले में अटाबीरा के पास स्थित भालुपाली के रहने वाले हैं। वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक रिटायर्ड कर्मचारी हैं।
खास बात यह भी है कि जयकिशोर की बेटी ज्योतिप्रभा इस समय बिलासपुर में बैक्चलर इन डेंटल साइंस (BDS) की सेकंड ईयर की छात्रा हैं। वहीं बेटा जयजीत 10वीं कक्षा में पढ़ता है।
जयकिशोर अपनी सफलता का श्रेय अपनी फर्मासिस्ट पत्नी प्रतिभा को देते हैं। उन्होंने स्थानीय मीडिया को बताया कि वह बचपन में एक डॉक्टर बनना चाहते थे। 10+2 की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा भी दी लेकिन सफलता नहीं हासिल कर सके थे। इसके बाद उन्होंने फिजिक्स में बीएससी की। डिग्री पूरे करने के बाद उन्होंने एक साल तक एक स्कूल में पढ़ाया इसके बाद बैंक की नौकरी लग गई थी।
1983 में जयकिशोर ने एसबीआई में बतौर क्लर्क ज्वॉइन किया था। बाद में धीरे-धीरे उन्हें स्केल-II ऑफिसर के तौर प्रमोट कर दिया गया। 2016 में वह सेवानिवृत्ति हो गए थे। हालांकि उनका बचपन का सपना पूरा करना अभी बाकी था।
बताते हैं कि 10 साल पहले उनका एक्सीडेंट हुआ जिससे वह विक्लांग हो गए थे। नीट 2020 परीक्षा में उन्हें दिव्यांग कोटे से एमबीबीएस की सीट मिली तो अपने बचपन के सपने को पूरा करने में लग गए। उन्होंने एक दिन पहले ही संस्थान में एडमिशन लिया है।