पटना, सात नवंबर (ए) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं की शिक्षा के महत्व पर टिप्पणी को लेकर मंगलवार को विवाद उत्पन्न हो गया और राज्य की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर निशाना साधा।.
जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए, कुमार ने सदन में इसका विवरण दिया कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संभोग के दौरान रोक सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘पति के कृत्यों के कारण अधिक बच्चे पैदा होते हैं। हालांकि शिक्षा हासिल करने के बाद एक महिला जानती है कि उसे कैसे रोकना है… यही कारण है कि (जन्म की) संख्या में कमी आ रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप, पत्रकार भी इसे अच्छी तरह समझते हैं। पहले यह (प्रजनन दर) 4.3 थी, लेकिन अब यह घटकर 2.9 हो गई है। और, जल्द ही हम 2 तक पहुंच जाएंगे।’’बिहार में विपक्षी दल भाजपा ने नीतीश कुमार पर प्रजनन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बोलकर राज्य की महिलाओं को ‘‘शर्मिंदा’’ करने का आरोप लगाया।
भाजपा विधायक गायत्री देवी और स्वीटी हेम्ब्रम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पर उम्र हावी हो गई है और ऐसा लगता है कि उन्होंने मर्यादा खो दी है।’’
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य सम्राट चौधरी ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार ने बिहार की 6.5 करोड़ महिलाओं को शर्मसार किया है। मैं उनसे हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि कोई भी बात बोलने से पहले उन्हें इसका ध्यान रखना चाहिए कि वे क्या बोल रहे हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘यह पहली बार नहीं है जब सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री का व्यवहार अविवेकपूर्ण रहा है। मुझे लगता है कि बिहार में मां-बहनें अब नीतीश कुमार की सभा में जाने से कतराएंगीं।’’
हालांकि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री कुमार का बचाव करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने जो भी कहा है, उसे सही परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था। ये बातें स्कूलों में बच्चों को यौन शिक्षा के हिस्से के रूप में बतायी जाती हैं।’’
कांग्रेस विधायक नीतू देवी ने भी कहा कि मुख्यमंत्री ने बुरे इरादे से नहीं बोला। उन्होंने कहा, ‘‘वह (कुमार) एक साधारण बात कहने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भाजपा इसको लेकर शरारत कर रही है।’’