लखनऊ, 22 अगस्त एएनएस। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने शनिवार को ‘उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज विधेयक–2020’ को मंजूरी दे दी। इससे प्रदेश के दूसरे राज्य विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया। विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही कर चुकी है। पहला राज्य विधि विश्वविद्यालय लखनऊ है, जो डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के नाम से है।
यह विधेयक प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक की तरफ से पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनकी तरफ से नामित सुप्रीम कोर्ट का कोई वरिष्ठ न्यायाधीश विश्वविद्यालय का कुलाध्यक्ष होगा। कुलाध्यक्ष ही दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में कुलाधिपति, कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक व परीक्षा नियंत्रक होंगे। हाईकोर्ट इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाधपति होंगे। कुलपति विश्वविद्यालय का पूर्णकालिक वेतन भोगी अधिकारी होगा। पहले कुलपति की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।