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भारत ने लेजर निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली का परीक्षण किया, चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हुआ

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नयी दिल्ली: 13 अप्रैल (ए) भारत ने रविवार को लेजर आधारित ऊर्जा हथियार प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया और इस तरह वह उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया, जिनके पास दुश्मन के ड्रोन और मानवरहित विमानों को मार गिराने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक हथियार हैं।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि हथियार प्रणाली का परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल में किया गया।रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि हथियार प्रणाली का परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल में किया गया।

भारत उन चंद देशों में से एक है जो भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली विकसित कर रहे हैं। अमेरिका, चीन और रूस को निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली विकसित करने के लिए जाना जाता है। डीआरडीओ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘डीआरडीओ ने आज कुरनूल में वाहन पर लगे लेजर निर्देशित हथियार (डीईडब्ल्यू) एमके-दो (ए) के भूमि संस्करण का सफल फील्ड प्रदर्शन किया।’’

पोस्ट में कहा गया है, ‘‘इसने ‘फिक्स्ड विंग यूएवी’ और ‘स्वार्म ड्रोन’ को सफलतापूर्वक हराया, जिससे संरचनात्मक क्षति हुई और निगरानी सेंसरों को निष्क्रिय कर दिया गया। इस सफल परीक्षण के साथ ही देश उन वैश्विक शक्तियों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है जिनके पास उच्च शक्ति वाली लेजर आधारित डीईडब्ल्यू प्रणाली है।’’

सरकार भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए निर्देशित ऊर्जा हथियारों (डीईडब्ल्यू) और हाइपरसोनिक हथियारों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

भारतीय वायु सेना पहले से ही इन हथियार प्रणालियों को हवाई प्लेटफार्म में एकीकृत करने की दिशा में काम कर रही है।

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