मुंबई: 24 फरवरी (ए) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि उन्होंने निजी सचिव या ओएसडी के पद पर नियुक्ति के लिए कैबिनेट मंत्रियों द्वारा सुझाए गए 125 नामों में से 109 को मंजूरी दे दी, लेकिन अन्य को मंजूरी नहीं दी, क्योंकि वे या तो जांच का सामना कर रहे हैं या उन्हें ‘बिचौलिए’ के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे 125 अधिकारियों के नाम मिले हैं, जिन्हें मेरे कैबिनेट सहयोगी निजी सचिव या विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में नियुक्त करना चाहते थे। इनमें से मैंने 109 के नामों को मंजूरी दे दी है।’’फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शेष (16) लोगों के नामों को मंजूरी न देने के पीछे कारण यह है कि या तो उन अधिकारियों के खिलाफ कोई जांच चल रही है या फिर प्रशासनिक हलकों में उन्हें ‘बिचौलिए’ के रूप में जाना जाता है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि बाकी (16) विभिन्न प्रकार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भले ही इससे किसी को ठेस पहुंचे, मैं ऐसे नामों को मंजूरी नहीं दूंगा।’’
फडणवीस ने कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता माणिकराव कोकाटे को भी उनकी इस टिप्पणी के लिए आड़े हाथों लिया कि ‘‘निजी सचिव और ओएसडी को भी मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं, हमारे हाथ में कुछ नहीं है।’’कोकाटे ने कहा, ‘‘उन्होंने (फडणवीस ने) कहा कि जो भी मंत्री सरकार की योजना से भटकने की कोशिश करेगा, उसे अपना पद गंवाना पड़ेगा। हमारे हाथ में कुछ नहीं बचा है, क्योंकि निजी सचिव और ओएसडी भी मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। हमें अब काम करना होगा।’’
कृषि मंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि कोकाटे को शायद यह नहीं पता कि निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति को मंजूरी देना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोई मंत्री उम्मीदवारों का प्रस्ताव कर सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री का होता है।’’