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मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव : शाम पांच बजे तक 65 प्रतिशत से अधिक मतदान

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अयोध्या (उप्र): पांच फरवरी (ए) उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान के तहत शाम पांच बजे तक 65 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

निर्वाचन आयोग के अनुसार शाम पांच बजे तक 65.25 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान समाप्ति पर मतदान प्रतिशत थोड़ा अधिक हो सकता है, क्योंकि पांच बजे जो मतदाता कतारों में थे वह अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।निर्वाचन आयोग के अनुसार शाम पांच बजे तक 65.25 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान समाप्ति पर मतदान प्रतिशत थोड़ा अधिक हो सकता है, क्योंकि पांच बजे जो मतदाता कतारों में थे वह अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है, क्योंकि यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है।सपा ने उपचुनाव में अनेक स्थानों पर धांधली किये जाने के आरोप लगाये हैं।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक कथित स्टिंग ऑपरेशन का ऑडियो साझा करते हुए कहा, ”ये है पीठासीन अधिकारियों की सच्चाई का स्टिंग ऑपरेशन जो सत्ताधारी दल के लिए फर्ज़ी मतदान का ‘टारगेट’ पूरा कर रहे हैं। इनके बूथों पर तुरंत चुनाव रद्द किया जाए और इन्हें प्रथम दृष्टया ऑडियो सुबूतों के आधार पर निलंबित किया जाए और फिर उचित न्यायिक कार्रवाई के बाद बर्खास्त भी।”

उन्होंने कहा, ”अधिकारियों की चुनावी धांधली और हेराफेरी के ऐसे और भी वीडियो-ऑडियो आ रहे हैं। जब इनकी नौकरी जाएगी और समाज में बदनामी होगी शायद तब इनका ईमान और जमीर जागेगा। सरकार इनका इस्तेमाल करके अपना हाथ झाड़ लेगी, तब ये जेलों में होंगे और अपने समाज, परिवार और बच्चों की नजर में अपमान की ज़िंदगी जीएंगे।”

सपा प्रमुख ने कहा, ”हम उन सब ईमानदार और सच्चे अधिकारियों की प्रशंसा करते हैं, जिन्होंने भाजपा कार्यालय से दिये गये फर्ज़ी मतदान के टारगेट को मानने से इंकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग लोकतंत्र के ऐसे दुश्मनों का तत्काल संज्ञान लें।”

सपा प्रमुख ने अपने पोस्ट के साथ एक ऑडियो भी साझा किया है जिसमें कोई व्यक्ति किसी को फोन करके खुद को पार्टी कार्यालय से बात करने का दावा करता और टारगेट के बारे में बात करता सुनाई दे रहा है।

इससे पहले, अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव में पुलिस अधिकारियों द्वारा मतदाताओं में भय व्याप्त करने के लिये अवैध रूप से उनके पहचान पत्रों की जांच करने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से उन पुलिस अधिकारियों को तत्काल हटाने की मांग की।

यादव ने ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ”निर्वाचन आयोग तुरंत इस समाचार से जुड़ी तस्वीरों का संज्ञान ले कि अयोध्या की पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के पहचान पत्रों की जांच कर Swat है, जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।”सपा प्रमुख द्वारा साझा की गयी तस्वीर में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किसी मतदाता का कोई दस्तावेज देखता नजर आ रहा है।

यादव ने अपने पोस्ट में कहा, ”ये अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तुंरत हटाया जाए और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।”

इस बीच, अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करण नैयर ने सपा प्रमुख द्वारा लगाए गए आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया।

उन्होंने कहा कि ‘एक्स’ पर पोस्ट की गयी तस्वीर में पुलिसकर्मी एक मतदान एजेंट की पहचान की पुष्टि कर रहे हैं।

नैयर ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस के अधिकारी मतदाताओं के पहचान पत्रों की जांच नहीं कर रहे हैं।

फैजाबाद के सपा के सांसद अवधेश प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाकर मतदाताओं को प्रभावित करना और धमकाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले कुछ महीनों में खुद मिल्कीपुर का 10 बार दौरा किया और 16 मंत्रियों को तैनात किया लेकिन इससे मतदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ा और वे सपा का ही समर्थन कर रहे हैं।

सपा ने ‘एक्स’ पर कई पोस्ट डालकर कुछ मतदान स्थलों पर फर्जी मतदान कराये जाने और कई स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें खराब होने की शिकायत निर्वाचन आयोग से की है।

अयोध्या के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ”सभी मतदान केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी गश्त पर हैं। महत्वपूर्ण मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।”

उन्होंने कहा, ”अफवाह फैलाने वालों या किसी अन्य अवैध गतिविधि में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित इस सीट पर 3.71 लाख से अधिक मतदाता मैदान में उतरे 10 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। हालांकि मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) के अजीत प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चंद्रभानु पासवान के बीच होने की उम्मीद है।

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