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मैं और मुख्यमंत्री पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे : शिवकुमार ने ‘सत्ता संघर्ष’ से किया इंकार

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चिकमगलुरू: 11 जनवरी (ए) कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष की बात को अधिक तवज्जो न देते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य की जनता ने सत्तारूढ़ पार्टी को पांच साल के लिए आशीर्वाद दिया है और वह तथा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया आलाकमान के निर्देशानुसार काम करते रहेंगे।

यहां पहुंचने पर समर्थकों द्वारा उन्हें ‘अगला मुख्यमंत्री’ बताए जाने के बीच शिवकुमार ने कहा कि उन्हें किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है और पार्टी जो कहेगी, वह उसका पालन करेंगे।शिवकुमार ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है, किसी राजनीतिक परिवर्तन की जरूरत नहीं है। लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया है और हमें मौका दिया है और हम पांच साल तक काम करते रहेंगे। जो भी चर्चाएं चल रही हैं, उनका कोई मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री और मैं पार्टी के निर्देशानुसार काम करते रहेंगे।’’

कार्यकर्ताओं या समर्थकों द्वारा उन्हें अगला मुख्यमंत्री बनाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि कोई मेरे लिए कुछ मांगे, मुझे किसी का समर्थन नहीं चाहिए। मुझे किसी विधायक के समर्थन की आवश्यकता नहीं है। यह मेरे और कांग्रेस पार्टी के बीच का मामला है। पार्टी जो भी कहेगी, मैं उसके अनुसार काम करूंगा। मैं नहीं चाहता कि कार्यकर्ता या विधायक मेरे लिए आवाज उठाएं या मेरे समर्थन में खड़े हों। मैं अपना कर्तव्य निभाऊंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस कहावत में विश्वास करता हूं: ‘कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ – अपना प्रयास करो और परिणाम ईश्वर पर छोड़ दो।’’

इससे एक दिन पहले, कर्नाटक के मंत्री के एन राजन्ना ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को मौजूदा सरकार के बचे हुए ढाई साल के कार्यकाल में इस पद की आकांक्षा रखने के बजाय अगले चुनावों में पार्टी का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर मुख्यमंत्री बनना चाहिए।

मंत्री राजन्ना का यह बयान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा हाल में मंत्रिमंडल के दलित और अनुसूचित जनजाति के चुनिंदा सहयोगियों के साथ आयोजित रात्रिभोज की पृष्ठभूमि में आया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि मार्च के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है, जो संभवतः ‘बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने’ जैसे किसी फॉर्मूले के तहत हो सकता है।

ऐसा समझौता कथित तौर पर 2023 में पार्टी की जीत के बाद हुआ था, जिसमें सिद्धरमैया और शिवकुमार दोनों मुख्यमंत्री पद के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।

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