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योग हमारे पूर्वजों और विरासत के प्रति सच्ची श्रद्धा : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ: 21 जून (ए) दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को राजभवन प्रांगण में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग हमारे पूर्वजों और विरासत के प्रति सच्ची श्रद्धा है।इस अवसर पर सीएम ने कहा कि योग मानवता के अनुकूल है, जो देश, समाज, काल, परिस्थितियों की बाधाओं से परे संपूर्ण मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. इस कार्य के साथ यदि हम जुड़ते हैं और संपूर्ण मानवता को जोड़ते हैं तो यह पूर्वजों और विरासत के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा कही जाती है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हम सभी के लिए इसी परंपरा के प्रति, इसी श्रद्धा को व्यक्त करने का एक माध्यम बना है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर हमें “यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रदान किया है, जिनके विजन और प्रयासों का परिणाम है कि आज दुनिया के लगभग पौने दो सौ देश अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ जुड़कर भारत की इस विरासत के साथ खुद को जोड़कर हमारी संस्कृति और परंपरा को गौरवान्वित करने का प्रयास करेंगे”. अपनी परंपरा और पूर्वजों व विरासत के प्रति इससे बड़ा सम्मान और कोई नहीं हो सकता.

सीएम योगी ने कहा कि योग एक संपूर्ण विद्या है जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से एकजुट करता है. भारत की ऋषि परंपरा को देखें तो उन लोगों के पास कितनी दूरदर्शिता थी, किस तरह उन्होंने समाज को जोड़ा, धर्म को योग के साथ जोड़ने का एक अभिनव प्रयास इस रूप में हुआ. धर्म के दो हित सामने दिखते हैं. एक है इस लोक में विकास के लिए, खुशी और खुशहाली के लिए, ईज ऑफ लिविंग के लिए कार्य करना; और दूसरा मोक्ष की प्राप्ति के लिए काम करना.

उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा भी कहती है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’, अर्थात सभी कार्य तभी पूर्ण हो सकते हैं जब आपका शरीर साथ हो. काया स्वस्थ है तो मन स्वयं ही स्वस्थ हो जाएगा. योग में हर किसी के लिए अलग-अलग विद्याएं हैं. बालक हों, युवा हों, अधेड़ हों या फिर बुजुर्ग हों, सभी योग का अभ्यास करके खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं.

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