सुलतानपुर (उप्र): 12 अप्रैल (ए) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के 2018 के मामले में यहां अदालती सुनवाई शुक्रवार को 22 अप्रैल तक के लिए टल गई।
न्यायाधीश के अवकाश पर रहने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी। गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला भाजपा नेता विजय मिश्र ने छह साल पहले दर्ज कराया था।वादी के वकील संतोष पांडेय ने कहा कि उनके मुवक्किल ने गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की अर्जी अदालत में दी है, लेकिन चूंकि न्यायाधीश अवकाश पर हैं, इसलिए सुनवाई नहीं हो सकी और इस मामले को 22 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया गया।
पिछले दिसंबर में अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ वारंट जारी किया था। इसके बाद, राहुल गांधी 20 फरवरी को अमेठी में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा रोककर अदालत में पेश हुए थे और उन्हें जमानत दे दी गई थी।
यह शिकायत शाह के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर चार अगस्त, 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई गई थी। राहुल गांधी ने उस वर्ष मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बेंगलूरू में एक संवाददाता सम्मेलन में यह कथित टिप्पणी की थी।
शिकायत में गांधी की टिप्पणी का हवाला दिया गया जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि भाजपा ईमानदार और स्वच्छ राजनीति में विश्वास करने का दावा करती है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष स्वयं हत्या के एक मामले में आरोपी हैं। राहुल गांधी ने जब यह टिप्पणी की थी, उस समय शाह पार्टी के अध्यक्ष थे।
उल्लेखनीय है कि गांधी की टिप्पणी से चार साल पहले मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 2005 के फर्जी मुठभेड़ मामले में शाह को बरी कर दिया था। शाह 2005 में गुजरात में गृह राज्यमंत्री थे।