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राहुल गांधी ने हाथरस में भगदड़ की घटना को ‘दुखद’ करार दिया

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हाथरस (उप्र): पांच जुलाई (ए) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाथरस में भगदड़ की घटना के संबंध में शुक्रवार को कहा कि प्रशासन की ओर से चूक हुई थी। कांग्रेस नेता ने साथ ही कहा कि वह इसे ‘‘राजनीतिक’’ रंग नहीं देना चाहते।

गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पीड़ितों के लिए बिना किसी देरी के ‘‘अधिकतम मुआवजा’’ जारी करने का भी आग्रह किया।

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए थे।

हाथरस में शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में गांधी ने कहा, ‘‘यह दुख की बात है कि इतने परिवारों को कष्ट सहना पड़ा, इतने लोगों ने अपनी जान गंवा दी।’’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं राजनीतिक नजरिए से बात नहीं करना चाहता, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ चूक हुई है। गलतियां हुई हैं और उनकी पहचान की जानी चाहिए।’’

गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवारों के लिए यह कठिन समय है और उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा मिलना चाहिए क्योंकि वे गरीब हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से ‘अधिकतम मुआवज़ा’ देने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा,‘‘ गरीब परिवार हैं और उनके लिए यह कठिन समय है, इसलिए अधिकतम मुआवजा दिया जाना चाहिए। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे खुले दिल से मुआवजा दें। वे गरीब लोग हैं और उन्हें अभी इसकी जरूरत है। अगर आप उन्हें छह महीने बाद, एक साल बाद देंगे या इसमें देरी करेंगे तो इससे किसी को फायदा नहीं होगा। मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए और जो भी दिया जाए, खुले दिल से दिया जाना चाहिए।’

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उन्होंने मृतकों के परिवार के सदस्यों के साथ ‘व्यक्तिगत तौर पर’ बातचीत की।

कांग्रेस नेता के बताया, ‘‘ मृतकों के परिजन ने कहा कि प्रशासन की ओर से चूक हुई है। पुलिस की जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वो नहीं थी। वे दुखी हैं, सदमे में हैं। मैं उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा हूं।’’

हाथरस में पीड़ित परिवारों से मुलाकात से पहले गांधी ने अलीगढ़ में भी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।

राहुल गांधी सुबह दिल्ली से सड़क मार्ग से हाथरस के लिए रवाना हुए थे। उनके साथ कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अजय राय, पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रभारी अविनाश पांडे, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और अन्य पदाधिकारी भी थे। वह सुबह करीब नौ बजे हाथरस के विभव नगर कॉलोनी के ग्रीन पार्क पहुंचे।पार्क के अंदर परिवारों से बातचीत के दौरान गांधी के साथ राय और स्थानीय जिला अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य भी मौजूद थे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबह करीब 7.15 बजे अलीगढ़ के पिलखना गांव पहुंचे।

हाथरस के नाई का नगला इलाके के निवासी हरि मोहन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ‘राहुल गांधी ने हमसे बातचीत की, संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि वे पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने का प्रयास करेंगे।’ मोहन ने भगदड़ में अपनी बुआ ओमवती (55) को खो दिया।

इस त्रासदी में अपनी नानी आशा देवी (55) को खोने वाले मृत्युंजय भारती (22) ने संवाददाताओं से कहा, ‘उन्होंने (राहुल गांधी) हमसे बात की और हमारे मुद्दों को समझने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।’

अपनी भाभी को खोने वाली एक अन्य महिला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी ने हमसे कहा कि (कांग्रेस) पार्टी हमारी मदद करेगी, और हमें मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने हमसे यह भी पूछा कि यह घटना कैसे हुई।’’

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जो इस संभावना की भी जांच कर रहा है कि धार्मिक सभा में मची भगदड़ के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें ज्यादातर महिलाएं है।

भगदड़ की यह घटना स्वयंभू बाबा भोले के सत्संग के दौरान हुई। पुलिस के अनुसार, इस घटना में जान गंवाने वाले 121 लोगों में से 17 अलीगढ़ से थे और 19 लोग हाथरस से थे।

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