पटना: 29 अक्टूबर (ए) केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के इस दावे को खारिज कर दिया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हुआ था।
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता ने यादव को चुनौती दी कि वे अपने माता-पिता लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के 15 साल के कार्यकाल के दौरान हुए रोजगार सृजन के आंकड़े लेकर आएं।ललन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयुक्त प्रयासों के कारण बिहार में तेजी से आर्थिक विकास हो रहा है। इससे रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिला है।’’
ललन ने ‘रोजगार मेला’ से इतर पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। प्रधानमंत्री ने ‘रोजगार मेले’ में देश भर के 51,000 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए, जिनमें से 217 बिहार के थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बिहार में डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां पिछली सरकार की इसी अवधि की उपलब्धियों से दोगुनी से भी अधिक हैं। हम ठोस कार्रवाई में विश्वास करते हैं, खोखली बातों में नहीं।”
बिहार के पूर्व मंत्री, जो मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी हैं, ने उस समय नाराजगी जताई जब उनका ध्यान यादव के बार-बार के दावों की ओर दिलाया गया कि उनकी पहल पर लाखों लोगों को सरकारी विभागों में भर्ती किया गया है।
ललन ने कहा, “वह (तेजस्वी) बच्चे थे जब उनके माता-पिता राज्य पर शासन कर रहे थे। उन्हें यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि उस अवधि के दौरान कितने लोगों को नौकरी मिली। वह शर्मिंदगी के कारण इसे सार्वजनिक नहीं कर पाएंगे।”
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि जहां विभिन्न विभागों में भर्तियां हो रही थीं, नीतीश कुमार सरकार तेजी से आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही थी।
ललन ने कहा, “इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। ‘स्टार्ट-अप’, ‘एमएसएमई’ और अन्य प्रकार के उद्यम के लिए अनुकूल माहौल होना चाहिए।”