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लालू के खिलाफ मामले में अदालत आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर 21 फरवरी को करेगी विचार

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नयी दिल्ली: 17 फरवरी (ए) दिल्ली की एक अदालत 21 फरवरी को इस बात पर विचार कर सकती है कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद से जुड़े कथित ‘नौकरी के लिए जमीन’ घोटाले से संबंधित मामले में आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने को सोमवार को मामले पर फैसला सुनाना था। उन्होंने अदालत द्वारा पहले मांगे गए कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देने के लिए सीबीआई के समय मांगे जाने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। न्यायाधीश ने 30 जनवरी को आरोप-पत्र में दर्ज आरोपों में समानता और विशिष्टता के तत्वों के संबंध में सीबीआई से कुछ सवाल पूछे थे। न्यायाधीश ने सीबीआई द्वारा यह बताए जाने के बाद सवाल उठाए थे कि उन्हें लोक सेवक आर के महाजन पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित मंजूरी मिल गई है।गत 16 जनवरी को न्यायाधीश ने कहा था कि यदि महाजन के खिलाफ मंजूरी 30 जनवरी तक नहीं दी जाती है, तो ‘सक्षम प्राधिकारी’ सुनवाई की अगली तारीख तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेंगे।सीबीआई ने 26 नवंबर, 2024 को मामले में 30 आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से प्राप्त आवश्यक मंजूरी अदालत के समक्ष दाखिल की, वहीं दलील दी कि महाजन के अभियोजन के संबंध में मंजूरी का अभी भी इंतजार है।

अधिकारियों के अनुसार, यह मामला 2004 से 2009 के बीच प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है, जो लोगों द्वारा राजद अध्यक्ष के परिवार या सहयोगियों के नाम पर उपहार में दिए गए या हस्तांतरित किए गए भूखंड के बदले में की गई थीं।

एजेंसी ने 18 मई, 2022 को प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों तथा निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।

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