नयी दिल्ली, 20 जुलाई (ए) पेगासस सहित विभिन्न मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की बैठक पहली बार के स्थगन के बाद एक बजे तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
जैसे ही सदन की कार्यवाही 12 बजे आरंभ हुई कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा प्रारंभ कर दिया। हंगामा कर रहे सदस्यों ने जब नारेबाजी आरंभ की तो उपसभापति हरिवंश ने उन्हें वापस लौटने का आग्रह किया लेकिन उनकी एक ना सुनी गई।
हरिवंश ने कहा, ‘‘आप सदन नहीं चलाना चाहते हैं…आसन के समीप आ गए हैं आप लोग…आप नहीं चाहते कि प्रश्नकाल हो…कृपया अपन-अपनी सीट पर लौट जाएं।’’
हालांकि इसके बावजूद विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।
हंगामे के बीच ही उपसभापति ने कहा कि सभापति के साथ विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में सहमति बनी है कि एक बजे से कोरोना महामारी पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बजे से चर्चा होगी…सदन की कार्यवाही एक बजे तक स्थगित की जाती है।’’
इससे पहले, हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल भी नहीं हो पाया।
सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने पेगासस के जरिये कथित जासूसी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है और इस पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए, इसलिए उन्होंने उच्च सदन में नियत कामकाज रोक कर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं और नोटिस पर विचार करने के बाद व्यवस्था देंगे। इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेगासस के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर हंगामा शुरू कर दिया।
सभापति ने शून्यकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा ‘‘आज 15 सदस्यों ने, कल 17 सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों पर नोटिस दिए। आसन नियम 267 के तहत दिए गए कितने नोटिस पर विचार करेगा? आपको उन सदस्यों को मौका देना चाहिए जिन्होंने शून्यकाल के तहत अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए नोटिस दिए हैं।’’
शर्मा ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न अनिश्चितता की स्थिति के बीच संसद का यह सत्र आयोजित हो रहा है और बैठकों की संख्या सीमित है। उन्होंने कहा कि पेगासस के जरिये कथित जासूसी के मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि यह राष्ट्र हित से जुड़ा मुद्दा है।
इस पर सभापति ने कहा कि राष्ट्र हित और राज्य हित दोनों से जुड़े मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट के अंदर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक यह कहते हुए स्थगित कर दी कि कुछ लोग नहीं चाहते कि सदन चले।