सरकार अगले हजार साल की रूपरेखा तय करने वाली नीतियां बना रही है: मोदी

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार जिन नीतियों पर काम कर रही है, वे आगामी 1,000 वर्ष का भविष्य तय करेंगी।

मोदी ने यहां सिविल सेवा दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के समग्र विकास का तात्पर्य है कि कोई भी गांव, कोई भी परिवार और कोई भी नागरिक पीछे न छूटे।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम जिन नीतियों पर काम कर रहे हैं और जो निर्णय ले रहे हैं, वे आगामी 1,000 वर्ष के भविष्य को आकार देंगे।’’

मोदी ने कहा कि भारत का आकांक्षी समाज – युवा, किसान और महिलाएं – और इसके सपने अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन असाधारण आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए असाधारण गति आवश्यक है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि शासन की गुणवत्ता इस बात से निर्धारित होती है कि योजनाएं लोगों तक कितनी गहराई से पहुंचती हैं और उनका जमीनी स्तर पर कितना वास्तविक प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में भारत धीमी गति के परिवर्तन से आगे बढ़कर अब प्रभावशाली बदलाव देख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत शासन, पारदर्शिता और नवोन्मेष में नए मानक स्थापित कर रहा है।’’

मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के युग में शासन का मतलब प्रणाली का प्रबंधन करने से नहीं है, बल्कि इसका तात्पर्य संभावनाओं को बढ़ाना है।

उन्होंने 2023 में भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि जनभागीदारी के दृष्टिकोण ने इस आयोजन को लोगों के आंदोलन में बदल दिया और दुनिया ने इसे स्वीकार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सिर्फ भाग नहीं ले रहा, बल्कि नेतृत्व कर रहा है।’’

मोदी ने सिविल सेवकों से गरीबों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होने, उनकी आवाज सुनने, उनकी संवेदनशीलता का सम्मान करने और उनकी समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देने को कहा।