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सेबी की शुचिता से गंभीर समझौता हुआ : राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग विवाद पर कहा

**EDS: SCREENGRAB FROM TWITTER VIDEO VIA @INCIndia** Akola: Congress leader Rahul Gandhi addresses a press conference during the party's 'Bharat Jodo Yatra', in Akola district, Thursday, Nov. 17, 2022. (PTI Photo)(PTI11_17_2022_000096B)

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नयी दिल्ली: 11 अगस्त (ए) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से संस्था की शुचिता के साथ ‘‘गंभीर समझौता’’ हुआ है और उन्होंने पूछा कि क्या उच्चतम न्यायालय इस मामले पर फिर स्वत: संज्ञान लेगा।

गांधी की यह टिप्पणी हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म ने शनिवार रात जारी अपनी रिपोर्ट में संदेह जताया है कि अडाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है।गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की शुचिता, इसकी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं : सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडाणी?’’

बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच एवं उनके पति ने रविवार को कहा कि अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और अध्यक्ष का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है।

अडाणी समूह ने नवीनतम आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए रविवार को कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है।

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