मुंबई, 30 जून (ए) शिवसेना नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि बागियों ने स्वयं अपना रास्ता चुना है और पार्टी की ओर से उनके भाजपा से गठबंधन करने पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं की जाएगी। उन्होंने साथ ही कहा कि शिवसेना नयी सरकार में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
शिवसेना के अधिकतर विधायकों के बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राउत ने यह बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि बागी नेताओं को शिवसेना से अलग होने के अपने फैसले पर ‘‘अफसोस’’ होगा।
राउत ने कहा कि वह शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय भी जाएंगे जिसने उन्हें समन जारी किया है। उन्होंने कहा कि वह एजेंसी के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
राउत ने कहा, ‘‘आपको (बागी नेताओं को) इसके लिए अफसोस होगा। एकनाथ शिंदे (बागी विधायकों के नेता) कट्टर शिवसैनिक थे और कई सालों तक उन्होंने पाटी के लिए काम किया। चाहे वह (विधायक) गुलाबराव पाटिल, संदीपन भुमरे और अन्य (जिन्होंने शिंदे का पक्ष लिया) हो, उन्होंने पार्टी के लिए कार्य किया और उसके लिए संघर्ष किया… उन्होंने अपना रास्ता स्वयं चुना है।’’
उन्होंने कहा,‘‘हम उनके रास्ते में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। वे अपना गठबंधन (भाजपा के साथ) कर सकते हैं। हम अपना काम करेंगे। अब रास्ते अलग हैं…हम सकारात्मक विपक्ष की तरह काम करेंगे।’’
भाजपा का नाम लिए बिना राउत ने कहा कि वह उन लोगों को जानते हैं जिन्होंने शिवसेना के विधायकों पर दबाव डाला और जिसकी परिणीति पार्टी में बगावत के रूप में सामने आई।
उन्होंने कहा कि सभी को उद्धव नीत सरकार में भरोसा था…। फिर चाहे वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार हो या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सभी को उद्धव ठाकरे पर भरोसा था।
राउत ने कहा, ‘‘ लेकिन पहले दिन से ही सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी और हमें इसकी जानकारी थी….उन्होंने (भाजपा ने) केंद्रीय एजेंसियों व अन्य तरीकों से दबाव बनाया।’’
गौरतलब है कि शिवसेना के बागी विधायकों ने राउत के बयान को उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच दूरी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा,‘‘अगर मैं शिवसैनिक को मंत्री बनाने के लिए जिम्मेदार हूं तो यह जिम्मेदारी मैं लेता हूं।’’
उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) का गठन ‘‘ आत्म सम्मान की लड़ाई’’और दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के शिवसैनिक मुख्यमंत्री बनाने के सपने को साकार करने के लिए था।
राउत ने सवाल किया कि क्या बागी विधायक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएंगे।
बागियों ने पार्टी से बगावत का मुख्य कारण कांग्रेस और राकांपा से गठबंधन को बताया था। राउत ने इसपर कहा कि कई बागी विधायक जो यह तर्क दे रहे हैं पहले राकांपा के ही सदस्य थे और उनमें से कई विधायक मंत्री बनने के लिए शिवसेना में शामिल हुए थे।
राउत ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी नए जोश से काम करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना सत्ता के लिए पैदा नहीं हुई है, बल्कि सत्ता शिवसेना के लिए जन्मी है। ’’