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अदालतों को अधिक दक्षता के लिए प्रौद्योगिकी की ‘अबाध’ प्रगति को अपनाना होगा: प्रधान न्यायाधीश

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नयी दिल्ली: पांच अगस्त (ए) देश के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि कानूनी प्रणाली को तकनीकी प्रगति के अनुसार विकसित होना चाहिए और अदालतों को पहुंच और दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी की ‘अबाध’ प्रगति को अपनाना चाहिए।

दिल्ली उच्च न्यायालय के ‘डिजिटल लॉ रिपोर्ट्स’ की शुरुआत करने के मौके पर प्रधान न्यायाधीश अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने ‘डिजिटल लॉ रिपोर्ट्स’ को ‘सार्वजनिक महत्व के निर्णयों के डिजिटल प्रकाशन के लिए एक सशक्त मंच’ बताया और कहा कि यह कानूनी ज्ञान के प्रसार को लोकतांत्रिक बनाएगा।उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी विकास के अनुरूप कानूनी प्रणाली को भी विकसित होना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर निर्भर वकीलों और वादियों को पुरानी कागजी प्रणालियों पर वापस जाने के लिए नहीं कहा जा सकता। प्रौद्योगिकी की प्रगति को रोका नहीं जा सकता है और हमारी अदालतों को पहुंच और दक्षता बढ़ाने के लिए इन परिवर्तनों को अपनाना चाहिए।’’उन्होंने सभी से इन परिवर्तनकारी बदलाव का समर्थन और वकालत करने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि न्याय सभी की पहुंच में हो।

दिल्ली उच्च न्यायालय के ‘डिजिटल लॉ रिपोर्ट्स’ की शुरुआत के मौके पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अभय एस ओका और उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन के अलावा अन्य न्यायाधीश और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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