कोच्चि (केरल), 19 अप्रैल (ए) केरल उच्च न्यायालय ने 2017 में एक अभिनेत्री के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने और हत्या की साजिश रचने के मामले में अभिनेता दिलीप तथा अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और जांच को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
न्यायाधीश जियाद रहमान एए ने दिलीप की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें अभिनेता ने आरोप लगाया था कि व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते उनके खिलाफ हत्या की साजिश से जुड़ी प्राथमिकी दर्ज की गई और उनके परिवार के सभी पुरुष सदस्यों को इसमें फंसाया जा रहा है।
अदालत ने कहा, ‘‘ याचिका खारिज की जाती है।’’
विस्तृत आदेश अभी नहीं मिल पाया है।
दिलीप ने अधिवक्ता फिलिप टी. वर्गीस के माध्यम से दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि हत्या की साजिश का आरोप लगाने वाली प्राथमिकी में ऐसी सामग्री का अभाव है जिससे अपराध का कोई संकेत मिलता हो।
वहीं, अपराध शाखा की ओर से पेश हुए अभियोजन महानिदेशक टीए शाजी और अतिरिक्त लोक अभियोजक पी नारायणन ने अदालत के समक्ष दलील दी कि प्राथमिकी में जो आरोप लगाए गए हैं, उनसे प्रतीत होता है कि अपराध हुआ है और उसके लिए जांच शुरू करने की जरूरत है।
अभिनेता और पांच अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 116, 118, 120बी, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री का 17 फरवरी 2017 की रात कथित तौर पर उसके ही वाहन में अपहरण कर लिया गया था और कुछ आरोपियों ने दो घंटे तक उससे छेड़छाड़ की थी तथा बाद में एक व्यस्त इलाके में उसे छोड़कर फरार हो गए थे। कुछ आरोपियों ने पूरे कृत्य का वीडियो बना लिया, ताकि अभिनेत्री को ‘ब्लैकमेल’ किया जा सके। मामले में 10 लोग आरोपी हैं, जिनमें से सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिलीप को भी मामले गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।