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न्यायालय से केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत ‘आप’ की जीत नहीं : भाजपा

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नयी दिल्ली, 12 जुलाई (ए) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत आम आदमी पार्टी (आप) की जीत नहीं है क्योंकि आदलत ने आबकारी नीति मामले में उनके दोषी होने को लेकर अपनी ‘मंजूरी की मुहर’ लगा दी है।

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक ने जमानत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया था बल्कि सुनवाई इस मुद्दे पर हो रही थी कि उनकी गिरफ्तारी गैर कानूनी है।उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने उनके अनुरोध पर कोई राहत नहीं दी है बल्कि उसने पाया कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के पास पीएमएलए की धारा-19 के तहत पर्याप्त सबूत है कि आरोपी प्रथमदृष्टया दोषी है। यह उच्चतम न्यायालय द्वारा मंजूरी की लगाई गई मुहर है। ’’

आप के नेताओं ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और इसे सच्चाई की जीत करार दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ‘फर्जी’ आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को जेल में रखने की साजिश रच रही है।

ईडी द्वारा आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच की जा रही है और इस मामले में शुक्रवार को शीर्ष अदालत की ओर से केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद पार्टी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के अपने अकांउट से पोस्ट किया, ‘‘सत्यमेव जयते’’।

मुख्यमंत्री हालांकि अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर नहीं आएंगे क्योंकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी उन्हें कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है और इस समय वह ईडी की न्यायिक हिरासत में है।

स्वराज ने आरोप लगाया कि आप जनता और मीडिया को ‘भ्रमित’ कर रही है।

नयी दिल्ली सीट से लोकसभा सदस्य ने दावा किया, ‘‘(उच्चमत न्यायालय का) आदेश केजरीवाल की जीत नहीं है बल्कि अदालत ने उन आरोपों पर मुहर लगा दी है कि वह आबकारी नीति मामले में दोषी हैं और ईडी के पास पर्याप्त सबूत है।’’

उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है क्योंकि उठाए गए कानूनी सवाल को विचार के लिए उच्चतम न्यायालय की वृहद पीठ के पास भेजा गया है और बड़ी पीठ के समक्ष अगर कोई मामला भेजा जाता है तो उसपर सुनवाई में समय लगता है।

स्वराज ने दावा किया कि कुछ दिन पहले ही ईडी ने विस्तृत आरोप पत्र सुनवाई अदालत में दाखिल किया है जिसमें व्हाट्सऐप चैट और अन्य सबूत संलग्न हैं जो दिखाते हैं कि मुख्यमंत्री ‘शराब घोटाले’ के ‘सरगना’ थे और उनके अन्य सह आरोपी से ‘करीबी संबंध’ है।

भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘ यह दिखाता है कि आप के संयोजक केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये शराब घोटाले में ‘लाभ पहुंचाने के बदले’ लिए, जिनमें से 45 करोड़ रुपये की राशि गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च की गई। इसका परिणाम है कि आप देश के इतिहास की पहली पार्टी बन गई है जिसे भ्रष्टाचार के मामले में दाखिल आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।’’

स्वराज ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने भी संकेत दिया है कि जब भ्रष्टाचार जैसे मामलों में कोई संवैधानिक पदाधिकारी संलिप्त हो तो उसे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री को जमानत देते हुए कहा कि यह केजरीवाल पर है कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हैं या नहीं।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, ‘‘हमें इस तथ्य का पता है कि अरविंद केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं।’’ अदालत ने रेखांकित किया कि केजरीवाल करीब 90 दिनों से कारागार में बंद है।

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