नयी दिल्ली: 12 जुलाई (ए) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत प्रदान की। मामले का पूरा घटनाक्रम इस प्रकार है:
* नवंबर 2021: दिल्ली सरकार ने नयी आबकारी नीति पेश की। जुलाई 2022: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नीति बनाने और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की।
अगस्त 2022: सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में मुकदमे दर्ज किए।
* सितंबर 2022: दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति रद्द की।
* अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 : ईडी ने धन शोधन मामले के संबंध में केजरीवाल को नौ समन जारी किए।
* 21 मार्च, 2024: केजरीवाल द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप प्रमुख (केजरीवाल) को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार कर दिया। इसके तुरंत बाद ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता को गिरफ्तार कर लिया।
* 10 मई: उच्चतम न्यायालय ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी और कहा कि उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल जाना होगा।
* 20 जून: अधीनस्थ न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दी।
* 21 जून: ईडी ने अधीनस्थ न्यायालय के जमानत आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायालय ने एजेंसी की याचिका पर नोटिस जारी कर फैसला आने तक जमानत आदेश को निलंबित किया।
* 25 जून: उच्च न्यायालय ने धन शोधन मामले में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगाई।
* 26 जून: सीबीआई ने आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में अरविंद केजरीवाल को जेल से औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया।
17 मई: उच्चतम न्यायालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
12 जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति ‘घोटाले’ में ईडी द्वारा दर्ज किए गए धन शोधन के मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की हालांकि सीबीआई मामले में आप नेता जेल में ही रहेंगे।