अवैध धन हस्तांतरण मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के छह अधिकारियों पर मामला दर्ज

राष्ट्रीय
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बेंगलुरु, 30 मई (ए)।‌कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के खाते से लगभग 94.73 करोड़ रुपये कथित रूप से अन्य बैंक खातों में भेजकर धोखाधड़ी करने के आरोप में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के छह अधिकारियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया गया है।

यह कार्रवाई निगम के एक अधिकारी द्वारा रविवार को आत्महत्या करने के बाद की गई है। मृतक ने एक नोट छोड़ा है जिसमें उसने प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगन्नवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम लिखा था।

निगम के महाप्रबंधक ए. राजशेखर ने 28 मई को दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एमजी रोड शाखा के शीर्ष प्रबंधन और अन्य तृतीय पक्षों की संलिप्तता वाली गंभीर धोखाधड़ी की गतिविधियों ने संगठन की प्रतिष्ठा और वित्तीय व्यवस्था को हानि पहुंचाई है।

उन्होंने बताया कि निगम ने 19 फरवरी को अपना खाता राष्ट्रीय बैंक के वसंतनगर शाखा से एम.जी रोड शाखा में स्थानंतरित किया था।

उन्होंने कहा, ”विभिन्न बैंकों और स्टेट हुजुर ट्रेजरी खजाने-दो से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एमजी रोड शाखा में हमारे बचत बैंक खाते में कुल 187.33 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।”

उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए निगम ने बैंक के साथ संवाद नहीं किया, नतीजतन, बैंक हमारे पंजीकृत पते पर नई पासबुक और चेकबुक भेजने में विफल रहा।

जब अधिकारियों ने 21 मई को दस्तावेजों को इकट्ठा करने के लिए शाखा का दौरा किया तो शाखा अधिकारी ने उन्हें अस्वीकार कर दिया। शाखा अधिकारी बाद में 22 मई को निगम कार्यालय गए और दावा किया कि दस्तावेज पहले ही जारी किए जा चुके थे, जो असत्य पाए गए।

आगे की जांच में कई जाली पत्रों, जाली चेकों और अधिकारियों और लेखा अधिकारी के नकली हस्ताक्षर वाले आरटीजीएस अनुरोधों, जाली/नकली बोर्ड संकल्प का पता चला, जिससे संगठन के बैंक खाते से धन का अनधिकृत वितरण हुआ।

पासबुक के सत्यापन पर यह पाया गया कि जाली दस्तावेजों के आधार पर राष्ट्रीय बैंक द्वारा निगम के खाते से 94.73 करोड़ रुपये वितरित किए गए।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन कृत्यों के बारे में पता चलने पर निगम के कर्मचारियों में से एक चंद्रशेखर पी, जो लेखा अधीक्षक थे, ने सुसाइड नोट में प्रबंध निदेशक, लेखा अधिकारी और मुख्य प्रबंधक का नाम लेने के बाद आत्महत्या की।

बैंक अधिकारियों के अवैध कृत्यों को देखते हुए बैंक प्रबंधन ने ए मणिमेखलाई, नीतेश रंजन, रामसुब्रमण्यम, संजय रुद्र, पंकज द्विवेदी, कार्यकारी निदेशकों और सुचिशिता राउल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है।

शिकायत के आधार पर हाई ग्राउंड्स पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच सीआईडी की टीम द्वारा की जा रही है।