अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के आकलन में राष्ट्रीय कार्यबल को तेजी लानी चाहिए: न्यायालय

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नयी दिल्ली: 15 अक्टूबर (ए) उच्चतम न्यायालय ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े अन्य पेशेवरों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते एक प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए गठित राष्ट्रीय कार्यबल (एनटीएफ) की धीमी प्रगति पर मंगलवर को असंतोष जताया।

देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 27 अगस्त को हुई पहली बैठक में एनटीएफ ने हितधारकों के साथ जुड़ने और चिकित्सा संस्थानों के बुनियादी ढांचे, सुरक्षा प्रणालियों, सभी राज्यों में चिकित्सा पेशेवरों की कामकाज की स्थिति में सुधार और कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए सिफारिशें तैयार करने के लिए चार उप-समूहों का गठन किया था।हालांकि, शीर्ष अदालत ने एनटीएफ द्वारा नौ सितंबर के बाद कोई और बैठक नहीं करने पर आश्चर्य व्यक्त किया।

पीठ ने कहा, ‘‘नौ सितंबर के बाद कार्यबल ने क्या किया? नौ सितंबर के बाद कोई बैठक क्यों नहीं हुई? कोई प्रगति क्यों नहीं हुई? इसे काम में तेजी लानी चाहिए।’’

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एनटीएफ द्वारा अब तक उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए एक हलफनामा दायर किया गया था।

मेहता ने कहा कि एनटीएफ के कार्य ‘व्यापक’ प्रतीत होते हैं और उन्होंने बल द्वारा स्वास्थ्य पेशेवरों की समस्याओं के दीर्घकालिक समाधान का आश्वासन दिया।

उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि एनटीएफ अपने काम में तेजी लाएगा।

कार्यबल के सदस्यों में चिकित्सा सेवा (नौसेना) की महानिदेशक और वाइस एडमिरल आरती सरीन, हैदराबाद स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एआईजी अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास, बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस) की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति, जोधपुर स्थित एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, इंस्टीट्यूट ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, जीआई और एचपीबी ओन्को-सर्जरी और लिवर प्रत्यारोपण के अध्यक्ष और नयी दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य डॉ. सौमित्र रावत भी शामिल हैं।

अन्य सदस्यों में रोहतक स्थित पंडित बी डी शर्मा चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अनीता सक्सेना हैं जो पूर्व में दिल्ली स्थित एम्स के कार्डियोलॉली विभाग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज और सर जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सैपले और दिल्ली स्थित एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की पूर्व प्रोफेसर डॉ. पद्मा श्रीवास्तव शामिल हैं।