नयी दिल्ली: एक नवंबर (ए) कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से संबंधित उसकी शिकायतों को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा की गई कुछ सख्त टिप्पणियों पर शुक्रवार को कड़ी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने उसकी बातों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया तथा खुद को क्लीन चिट दे दी।
पार्टी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को लिखे एक जवाबी पत्र में यह भी कहा कि यदि आयोग कांग्रेस के बारे में की गई कुछ सख्त टिप्पणियों पर कायम रहता है, तो उसे कानूनी सहारा लेना पड़ेगा।
कांग्रेस द्वारा भेजे गए इस पत्र पर पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी और कुछ अन्य नेताओं के हस्ताक्षर हैं।
निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनियमितता से संबंधित कांग्रेस के आरोपों को गत 29 अक्टूबर को खारिज कर दिया था और कहा था कि पार्टी पूरे चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे एक पत्र में आयोग ने मुख्य विपक्षी दल के दावों को लेकर कुछ सख्त टिप्पणियां की थीं। उसने कहा था कि इस तरह के “तुच्छ और बेबुनियाद” संदेह “अशांति” पैदा करने की क्षमता रखते हैं, खासकर मतदान और मतगणना जैसे महत्वपूर्ण चरण में, जब राजनीतिक दलों और जनता की बेचैनी चरम पर होती है।
आयोग को भेजे जवाबी पत्र में कांग्रेस ने कहा, ‘‘हमने हमारी शिकायतों पर आपकी प्रतिक्रिया का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि निर्वाचन आयोग ने खुद को क्लीन चिट दे दी है। हम आम तौर पर इसे छोड़ देते। लेकिन आयोग की प्रतिक्रिया का लहजा और भाव, इस्तेमाल की गई भाषा तथा कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए आरोप हमें प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर करते हैं।’’
उसने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कौन है, जो माननीय आयोग को सलाह दे रहा है या मार्गदर्शन कर रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि यह संविधान के तहत गठित एक निकाय है, जिस पर कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करने का उत्तरदायित्व है।
कांग्रेस के अनुसार, यदि आयोग किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी को सुनवाई की अनुमति देता है या उसके द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच करता है, तो यह कोई अपवाद नहीं है।
मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग अपनी टिप्पणियों को लेकर कायम रहता है, तो इन्हें आयोग के पत्र से हटवाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
कांग्रेस का दावा है कि वीवीपैट के सत्यापन में पारदर्शिता और संख्या में वृद्धि से जुड़े लगभग सभी कदमों का आयोग ने विरोध किया है।
उसका यह भी कहना है कि यदि निर्वाचन आयोग ने अपने तटस्थ स्वरूप को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय कर रखा है, तो वह इस दिशा में उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ रहा है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की बैटरी से जुड़ी शिकायतों पर स्पष्टता की बजाय भ्रमित करने का प्रयास किया गया है तथा शिकायतों का स्पष्ट रूप जवाब नहीं दिया गया।
उसने दावा किया कि शिकायतों और याचिकाकर्ताओं को कमतर दिखाने पर जोर दिया गया तथा अहंकार से भरा जवाब दिया गया।
हरियाणा में पांच अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 में से 48 सीट जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 37, इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) दो और निर्दलीय तीन सीट पर विजयी रहे।
कांग्रेस ने हरियाणा की 26 विधानसभा सीट के कुछ मतदान केंद्रों पर गिनती के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के ‘कंट्रोल यूनिट’ में बैटरी का स्तर 99 फीसदी दिखने पर सवाल उठाए थे और स्पष्टीकरण मांगा था।