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इमरान खान ने प्रधान न्यायधीश पर जताया अविश्वास, भूख हड़ताल की दी धमकी

Pakistan's former prime minister Imran Khan listens to a member of media during talk with reporters regarding the current political situation and the ongoing cases against him at his residence, in Lahore, Pakistan, Thursday, Aug. 3, 2023. Khan has been slapped with more than 150 legal cases, including several on charges of corruption, "terrorism" and inciting people to violence over deadly protests in May that saw his followers attack government and military property across the country. (AP/PTI) (AP08_03_2023_000449B)

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इस्लामाबाद: पांच जुलाई (ए) जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को धमकी दी कि अगर उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायधीश काजी फैज ईसा उनके मामलों में न्याय करने में असफल होते हैं तो वह भूख हड़ताल पर चले जाएंगे।पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 71 वर्षीय प्रमुख ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में मीडिया से बातचीत के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने इस दौरान पार्टी और उनके मामलों को संभालने वाली पीठों में मुख्य न्यायाधीश ईसा की भागीदारी पर चल रही चिंताओं का हवाला दिया।

वह अदियाला जेल में अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई के सिलसिले में अदालत में उपस्थित थे।

उन्होंने अपनी पीटीआई पार्टी से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए गठित पीठ में मुख्य न्यायाधीश ईसा की उपस्थिति पर आपत्ति जताई तथा चेतावनी दी कि यदि प्रधान न्यायाधीश न्याय देने में विफल रहे तो वे भूख हड़ताल पर चले जाएंगे।

खान ने कहा, ‘‘मैं भूख हड़ताल पर जाने के बारे में विचार-विमर्श कर रहा हूं। अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं भूख हड़ताल पर जाऊंगा।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके वकीलों ने उनकी पार्टी के मामलों के बारे में सुनवाई करने वाली प्रत्येक पीठ में प्रधान न्यायाधीश ईसा को शामिल करने पर आपत्ति जताई है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने पूछा, ‘‘ प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा पीटीआई और मेरे मामलों की सुनवाई करने वाली हर पीठ में कैसे शामिल होते हैं?’’

खान ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने कहा था कि ईसा पीटीआई के मामलों की सुनवाई नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पीटीआई के वकीलों का मानना ​​है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, ‘‘इसलिए हमारे मामलों की सुनवाई किसी और को करनी चाहिए।’’

प्रधान न्यायाधीश ईसा ने पीटीआई के एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि विभिन्न मामलों की सुनवाई के लिए गठित पीठ उनके द्वारा नहीं, बल्कि न्यायालय के तीन वरिष्ठतम न्यायाधीशों की समिति द्वारा बनायी गई हैं और वह तीन सदस्यों में से सिर्फ एक हैं।

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