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उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को संविदा और अतिथि शिक्षकों से समान व्यवहार का निर्देश दिया

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पटना: 29 मई (ए) पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को ‘‘संविदा पर बहाल शिक्षकों’’ और ‘‘अतिथि शिक्षकों’’ से समान व्यवहार करने का निर्देश देते हुए बुधवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-तीन) पर रोक लगा दी।

पटना उच्च न्यायालय के न्यायधीश अंजनी कुमार शरण ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा, ‘‘संविदा पर बहाल शिक्षक और अतिथि शिक्षक समान कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं और उनके बीच कोई अंतर नहीं है। राज्य सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह एक महीने के भीतर अतिथि शिक्षक को रोजगार के प्रत्येक वर्ष के लिए पांच अंक और अनुबंध शिक्षकों को दिए जाने वाले अधिकतम 25 अंक देने पर अंतिम निर्णय ले।’’अदालत ने विज्ञापन संख्या 22/24 दिनांक फरवरी 2024 (टीआरई-तीन) पर रोक लगा दी।

शिक्षा विभाग के एक आदेश के बाद एक अप्रैल 2024 से राज्य भर के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई थी।

पटना उच्च न्यायालय के आदेश से राज्यभर के चार हजार से अधिक अतिथि शिक्षक अब संविदा पर बहाल शिक्षकों की तरह बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में बैठने के हकदार होंगे। उन्हें संविदा पर बहाल शिक्षकों के समान माना जाएगा और यदि वे बीपीएससी के टीआरई-तीन को पास कर लेते हैं तो उन्हें भर्ती के समय अतिरिक्त 25 अंक मिलेंगे।

माध्यमिक शिक्षा के निदेशक ने हाल ही में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी कर उन अतिथि शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त करने का निर्देश दिया था।

अतिथि शिक्षकों के बारे में शिक्षा विभाग ने कहा था कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 94,738 शिक्षकों की भर्ती हो जाने के बाद अतिथि शिक्षकों की सेवा जारी रखने की कोई जरूरत नहीं होगी।

अतिथि शिक्षकों को प्रति कार्य दिवस 1000 रुपये मिलते थे और प्रति माह अधिकतम सीमा 25,000 रुपये उनका पारिश्रमिक तय किया गया था।

प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के बाद बीपीएससी ने 15 मार्च को आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-तीन) को रद्द कर दिया था। माना जा रहा है कि मतदान के बाद परीक्षा की नयी तारीख की घोषणा की जाएगी।

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