देहरादून: 13 जुलाई (ए) कांग्रेस ने उत्तराखंड की दो विधानसभा सीट मंगलौर और बदरीनाथ पर हुए उपचुनाव में शनिवार को जीत हासिल की।कांग्रेस ने मंगलौर सीट बसपा से छीन ली और भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) को हराकर बदरीनाथ सीट को बरकरार रखा।
मंगलौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने भाजपा के करतार सिंह भड़ाना को 422 मतों के मामूली अंतर से पराजित किया।
निजामुद्दीन की इस सीट पर यह चौथी जीत है। इससे पहले वह दो बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर और एक बार कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं।
साल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज करने वाली बसपा उपचुनाव में तीसरे स्थान पर रही, जहां पार्टी के पूर्व विधायक सरवत करीम अंसारी के बेटे उबेद-उर-रहमान को 19,559 वोट मिले।
निजामुद्दीन को 31,727 जबकि भड़ाना को 31,305 वोट मिले।
मंगलौर में कांग्रेस की जीत से 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या 19 से 20 हो गई है।
भाजपा इस बार मंगलौर में विपक्ष के एकाधिकार को समाप्त करने की उम्मीद कर रही थी। उसने हालांकि कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी, क्योंकि मुस्लिम बहुल सीट पर वह 31,000 से अधिक मतों के साथ दूसरे स्थान पर रही।
मंगलौर सीट पर हमेशा कांग्रेस या बसपा ही जीतती रही है, जबकि इस उपचुनाव से पहले भाजपा तीसरे या चौथे स्थान पर रहती थी।
अपनी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए निजामुद्दीन ने कांग्रेस में विश्वास जताने के लिए निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की लट्ठतंत्र पर जीत है।’’ उनका इशारा मंगलौर के लिब्बरहेड़ी में मतदान के दिन हुई हिंसा की ओर था जिसमें एक राजनीतिक दल के चार कार्यकर्ता घायल हो गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सत्तारूढ़ भाजपा के ‘‘दबाव’’ में न आकर कांग्रेस को चुनने के लिए मतदाताओं को धन्यवाद दिया।
रावत ने कहा, ‘‘मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं मंगलौर के लोगों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा उन पर बनाये गये सभी प्रकार के दबावों में नहीं आकर अपने दिल की बात सुनी।’’
चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर नाचते हुए सड़कों पर उतर आए।
वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में निजामुद्दीन ने बसपा के टिकट पर सरवत करीम अंसारी को हराया था, जो उस समय कांग्रेस में थे।
निजामुद्दीन ने 2007 में बसपा के टिकट पर यह सीट जीती थी। उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी कुलबीर को हराया था।
वर्ष 2012 में निजामुद्दीन कांग्रेस में शामिल हो गये थे और अंसारी बसपा में चले गये थे।
उत्तराखंड में कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूर्व मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह भंडारी को 5,224 मतों से हराया।
दस जुलाई को हुए मतदान में कुल 54,228 वोट पड़े, जिनमें से 28,161 वोट कांग्रेस को मिले, जबकि भाजपा को 22,937 वोट मिले।