उत्तर प्रदेश में होली का जश्न कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ

राष्ट्रीय
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लखनऊ: 14 मार्च (ए) उत्तर प्रदेश में होली का जश्न शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। इस दौरान सभी स्थानों पर विविधतापूर्ण सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और सांप्रदायिक सद्भाव देखने को मिला।

होली और जुमे की नमाज एक ही दिन होने की वजह से पूरे प्रदेश में जगह-जगह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। होली को देखते हुए प्रदेश की ज्यादातर मस्जिदों में जुमे की नमाज का समय बढ़ाया गया और होली तथा नमाज दोनों ही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। इस दौरान भड़काऊ सामग्री के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी गई और प्रमुख क्षेत्रों में निगरानी ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।लखनऊ में, होली के जुलूस निकाले गए जिसमें स्थानीय लोग होली के गीतों की धुनों पर थिरकते और एक दूसरे को रंग लगाते देखे गए।शाहजहांपुर में ‘बड़े लाट साहब’ का जुलूस कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुआ। इस दौरान कुछ बच्चों ने लाट साहब पर पत्थर फेंके मगर पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।

इटावा में, समाजवादी पार्टी (सपा) के सैफई कार्यालय में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा शुरू की गई फूलों से भरे उत्सव की परंपरा को जारी रखते हुए एक भव्य होली समारोह का आयोजन किया गया।सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के अन्य नेताओं ने इसमें भाग लिया। इस दौरान उपस्थित लोगों पर गुलाब और गेंदे की पंखुड़ियां बरसाईं गईं।

मथुरा-वृंदावन में भी होली पर धार्मिक उत्साह का माहौल रहा। भक्तों ने चटख रंगों से होली मनाई। फालैन गांव में संजू पंडा द्वारा होलिका दहन की आग में चमत्कारी तरीके से चलने से दिन की शुरुआत हुई। बांके बिहारी जैसे मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग उमड़े, भक्तों ने अबीर-गुलाल और टेसू केसर से होली खेली।

बाराबंकी में देवा शरीफ की दरगाह अंतरधार्मिक एकता का प्रतीक रही, जहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक साथ होली मनाई। दरगाह पर ‘या वारिस’ के नारों से गूंजते हुए एक जीवंत जश्न मनाया गया, जिसमें ‘जो रब है वही राम’ का संदेश दिया गया।

किसी भी तरह के टकराव को रोकने के लिए, शुक्रवार की नमाज अपराह्न दो बजे के बाद हुई और कई मस्जिदों की समितियों ने मस्जिदों को रंगों से रंगने से बचाने के लिए ढक दिया।

अधिकारियों ने कहा कि भड़काऊ पोस्ट और भड़काऊ सामग्री बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिससे अशांति फैल सकती है।