लखनऊ: 16 अक्टूबर (ए) उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीट में से नौ पर उपचुनाव की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी निषाद पार्टी कम से कम एक सीट पाने के लिए अपना पूरा प्रयास कर रही है।सूत्रों का कहना है कि भाजपा उन नौ सीट में से आठ पर चुनाव लड़ेगी, जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं और केवल मीरापुर सीट अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिए छोड़ेगी।
सूत्रों के अनुसार निषाद पार्टी भाजपा से दो विधानसभा सीट कटेहरी और मझवां मांग रही है। हालांकि भाजपा की ओर से उसे सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
निषाद पार्टी को उम्मीद है कि भाजपा ‘गठबंधन धर्म’ का पालन करेगी और उसे कम से कम एक सीट जरूर देगी।
उत्तर प्रदेश की जिन विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं उनमें कटेहरी, करहल, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, सीसामऊ, गाजियाबाद, मझवां और खैर शामिल हैं।
इनमें से मझवां सीट निषाद पार्टी के पास थी जो उसे साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली थी। निषाद पार्टी के विनोद बिंद ने एक लाख से ज्यादा वोट पाकर समाजवादी पार्टी (सपा) के रोहित शुक्ला को हराया था। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बिंद भदोही संसदीय क्षेत्र से जीतकर भाजपा के टिकट पर सांसद बने थे।
अब निषाद पार्टी इस सीट पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है।
राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने ‘पीटीआई—भाषा’ से कहा, ”मुझे यकीन है कि भाजपा गठबंधन धर्म का पालन करेगी और हमें गठबंधन में उचित सम्मान मिलेगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या इस संबंध में भाजपा नेतृत्व के साथ उनकी कोई सकारात्मक बातचीत हुई है, निषाद ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम जो चाहते हैं, हमें मिलेगा।’’
निषाद ने कहा, ”आज मैं हरियाणा में (बृहस्पतिवार को होने वाले नायब सिंह सैनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह) के लिए आया हूं… मैं इस मामले को भाजपा नेतृत्व के समक्ष उठाऊंगा।”
बुधवार को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से उनकी मुलाकात होने की संभावना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे, निषाद ने कहा कि वह बैठक होने के बाद इसका खुलासा करेंगे।निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट को छोड़कर प्रदेश की 10 खाली विधानसभा सीट में से नौ पर उपचुनाव की घोषणा की थी। उपचुनाव के लिये मतदान 13 नवंबर को होगा। इनमें से आठ विधानसभा सीट 2022 में उन पर चुने गये विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हुई है। सीसामऊ सीट के लिये उपचुनाव इसके विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त किये जाने के कारण हो रहा है।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पांच सीट सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा ने जीती थीं। भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद और खैर सीट पर कब्जा किया था। मझवां सीट पर भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी ने जीत दर्ज की थी। मीरापुर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जीत दर्ज की थी।
रालोद के चंदन चौहान ने बिजनौर से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। इसी तरह गाजियाबाद विधानसभा सीट भाजपा के अतुल गर्ग के गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद रिक्त हुई।
निषाद पार्टी के बिंद ने भाजपा के टिकट पर भदोही से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा नेता अनूप सिंह उर्फ अनूप प्रधान बाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट छोड़ दी थी।
भाजपा के प्रवीण पटेल ने फूलपुर से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में इन 10 सीट में से भाजपा ने मझवां और कटेहरी सीट अपनी सहयोगी निषाद पार्टी को दी थी। निषाद पार्टी मझवां में तो जीत गई लेकिन कटेहरी में हार गई थी।
समाजवादी पार्टी पहले ही छह विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है, जिनमें करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर नगर), मिल्कीपुर (अयोध्या), कटेहरी (अंबेडकरनगर), फूलपुर (प्रयागराज) और मझवां (मिर्जापुर) शामिल हैं।