महाकुम्भ नगर: 12 जनवरी (ए) भारतीय संस्कृति व परंपरा से प्रभावित पहली बार महाकुम्भ पहुंचे इटली के रहने वाले एमा ने कहा कि लगता है कि ‘मैं पिछले जन्म में भारतीय था।’
महाकुम्भ मेला सोमवार को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ शुरू हो रहा है, जिसमें देश और दुनिया से करीब 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।एमा उन तीन दोस्तों में से एक हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े मेले को देखने के लिए पहली बार इटली से प्रयागराज आए हैं।
गंगा के तट पर एक शिविर में ठहरे एमा ने कहा, “मैं योग प्रशिक्षक हूं। मुझे भारतीय संस्कृति के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है। कुम्भ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन है। यह पहला अवसर है जब मैं कुम्भ मेला घूमने आया हूं।”
उन्होंने कहा, “मेरे दोस्त यहां आने की योजना बना रहे थे, तो मैं भी उनके साथ शामिल हो गया।”
एमा के दोस्त स्टीफेनो ने कहा, “मैं पहली बार कुम्भ आया हूं। रूस के रहने वाले मेरे कुछ साधु मित्रों ने मुझे कुम्भ के बारे में बताया। वे भारत में आकर नागा साधु बन चुके हैं।”
एमा महाकुम्भ के आयोजन से काफी प्रभावित दिखाई दिये।
एमा ने कहा, “मैं यहां पहली बार आया हूं। कई भारतीय मेरे मित्र हैं। मुझे भारतीय संस्कृति पसंद है। मुझे लगता है कि इससे पहले के जन्म में मैं भारतीय था। भारत का संगीत, भजन, कीर्तन, सब कुछ मुझे काफी पसंद है। यहां महाकुम्भ मेले की व्यवस्थाएं काफी अच्छी हैं।”