लखनऊ: 12 अप्रैल (ए) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खाद्य व रसद विभाग ने सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही 100 क्विंटल से ऊपर गेहूं विक्रय पर किसानों को सत्यापन से छूट दे दी है।
किसान अनुमानित उत्पादन का तीन गुना तक बिक्री कर सकेंगे, जिससे अभिलेखों में त्रुटि इत्यादि से गेहूं बेचने में उन्हें परेशानी न हो। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।बयान में कहा गया कि सरकार ने व्यवस्था की है कि पंजीकृत किसान सत्यापन के बिना भी 100 क्विंटल तक गेहूं बेच सकते हैं। सत्यापन के बाद कुल उत्पादकता के आधार पर उत्पादन क्षमता का तीन गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा है, जिससे सत्यापन अथवा अभिलेखों में त्रुटि के कारण किसान को उत्पादित गेहूं बेचने में असुविधा न हो। गेहूं की बिक्री के लिए किसान खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल या विभाग के मोबाइल ऐप पर पंजीकरण-नवीनीकरण कराकर सुविधा का लाभ ले सकते हैं।बयान के अनुसार, किसानों को 2,425 रुपये प्रति क्विंटल का पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल रहा है, साथ ही उतराई, छनाई और सफाई के लिए 20 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिल रहे हैं। किसानों की सुविधा के लिए खरीद केंद्र रोजाना सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक खुले रहते हैं। निर्बाध सेवा के लिए खरीद केंद्र छुट्टियों के दिनों में भी खुले रहते हैं। खेतों में कटाई जारी रहने के दौरान मौके पर ही गेहूं की तौल की जा रही है।
बयान में कहा गया है कि भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा हैं।
उप्र में शनिवार तीन बजे तक गेंहू खरीद की जानकारी देते हुए कहा गया कि राज्य में पंजीकृत किसान 3,77,678 हैं जिनमें गेहूं बिक्री करने वाले किसान 39,006 हैं। गेहूं क्रय केंद्रों की संख्या 5,804 है।