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एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान घोषित करने वाला निजी विधेयक पेश करने की तैयारी में सपा सांसद

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नयी दिल्ली: 22 अक्टूबर (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन संसद के आगामी सत्र में उच्च सदन में एक निजी विधेयक पेश करने की तैयारी में हैं जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान घोषित करने का प्रावधान किया गया है।

सुमन का कहना है कि वह शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (अल्पसंख्यक चरित्र की बहाली के लिए) विधेयक, 2024’ पेश करेंगे।इस विधेयक के उद्देश्य और कारणों के अनुसार, जब तक केंद्र सरकार ने 1965 के संशोधन अधिनियम द्वारा ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अधिनियम, 1920’ में छेड़छाड़ नहीं की थी, तब तक किसी को कोई संदेह नहीं था कि एएमयू मुख्य रूप से मुसलमानों के लाभ के लिए देश के मुसलमानों द्वारा स्थापित किया गया था।

इसमें आगे कहा गया है, ‘‘इसके विपरीत, केंद्र सरकारों ने अपनी प्रतिबद्धताओं और वादों के बावजूद, विश्वविद्यालय की सभी महत्वपूर्ण विशेषताओं, इसके अल्पसंख्यक चरित्र, इसकी स्वायत्तता और इसकी लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली को नष्ट कर दिया। 1979 में विभिन्न राष्ट्रीय दलों के चुनावी वादों के अनुसार, कांग्रेस सरकार ने 1981 में संसद में एक संशोधन अधिनियम के माध्यम से एएमयू के अल्पसंख्यक चरित्र को बहाल किया।’’

सपा सांसद ने विधेयक में इस बात का उल्लेख किया है, ‘‘यह गलत धारणा है कि 1960 के दशक में ‘एस. अज़ीज़ बाशा और अन्य बनाम भारत संघ’ मामले में आया उच्चतम न्यायालय का फैसला विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक चरित्र की बहाली में एक संवैधानिक बाधा है। इस धारणा को दूर नहीं किया जा सका। यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के अन्य कुछ निर्णयों के साथ असंगत है और इसमें महत्वपूर्ण तथ्यों को ध्यान में नहीं रखा गया है, जिससे निस्संदेह विपरीत निष्कर्ष निकलेगा।’’

इस निजी विधेयक के अनुसार, विधेयक का उद्देश्य भारत में मुस्लिम समुदाय की उस मांग को पूरा करना है, जिसे मुस्लिम समुदाय में व्यापक समर्थन हासिल है।

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