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एसडीएम को थप्पड़ मारने को लेकर निर्दलीय उम्मीदवार गिरफ्तार; पत्रकारों पर भीड़ का हमला

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टोंक: 14 नवंबर (ए) राजस्थान की देवली-उनियारा विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को बृहस्पतिवार को नाटकीय घटनाक्रम और हिंसा बढ़ने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। हिंसा के दौरान भीड़ ने ‘पीटीआई’ के एक संवाददाता और कैमरामैन पर हमला किया तथा उनका कैमरा जला दिया।

यह हमला उस वक्त हुआ, जब पीटीआई के संवाददाता और कैमरामैन, मीणा की गिरफ्तारी के बाद एक विरोध-प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। हमले में संवाददाता अजीत शेखावत और कैमरामैन धर्मेंद्र कुमार बुरी तरह घायल हो गए तथा उन्हें अस्पताल ले जाया गया।एक दिन पहले, कांग्रेस के बागी नेता एवं उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार मीणा ने मालपुरा के एसडीएम (उप खंड अधिकारी) अमित चौधरी को मतदान केंद्र के बाहर सैकड़ों लोगों के सामने थप्पड़ मार दिया था।

भीड़ के हमले के बाद, शेखावत द्वारा ‘पीटीआई’ के दिल्ली स्थित मुख्यालय को भेजे वीडियो में उनकी बाईं आंख के नीचे से खून निकलता देखा जा सकता है। शेखावत ने बताया कि उनके सहयोगी धर्मेंद्र के सिर में चोट लगी है और उनकी बांह में संभवत: ‘फ्रेक्चर’ हुआ है।

इन दोनों पर हमला उस समय हुआ, जब वे कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का साक्षात्कार लेने वाले थे। मंत्री हालात का जायजा लेने के लिए राज्य की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर, टोंक जिले के समरवता गांव पहुंचे थे।

हिंसा बुधवार शाम से ही जारी है, जब पुलिस ने नरेश मीणा के समर्थकों को धरना देने से रोकने की कोशिश की।

एसडीएम को थप्पड़ मारे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया। थप्पड़ मारे जाने की घटना के समर्थन और विरोध में अलग-अलग प्रदर्शन हुए हैं। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के अधिकारियों ने चौधरी के समर्थन में प्रदर्शन किया।

मतदान केंद्र के बाहर शुरू हुआ तनाव रात में और बृहस्पतिवार को हिंसा में तब्दील हो गया।

आरएएस एसोसिएशन और संबद्ध सेवाओं के अधिकारी मीणा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कलम बंद हड़ताल पर चले गए, जिस कारण बृहस्पतिवार सुबह राज्य के सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहा। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात नहीं होगी, वे हड़ताल पर रहेंगे।

इस बीच, मीणा के समर्थक भी उग्र हो गए। मतदान केंद्र के बाहर भड़की हिंसा में करीब 60 दोपहिया और 18 चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिनमें पुलिस वाहन भी थे। हिंसा उस वक्त भड़की जब पुलिस ने मीणा और उनके समर्थकों को धरने पर बैठने से रोकने की कोशिश की।

हिंसा के बाद बृहस्पतिवार तड़के करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया।

दिन चढ़ने के साथ ही तनाव बढ़ता गया। समरवता में हिरासत में लिए जाने के बाद मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा।’’

समरवता गांव में उग्र भीड़ को घूमते देखा जा सकता था, इसलिए पुलिस ने स्थिति को खराब नहीं होने के लिए निगरानी बढ़ा दी है।

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