भोपाल: 18 अगस्त (ए) कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई ने शीर्ष लोक सेवकों की भर्ती ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से करने संबंधी केंद्र के फैसले पर रविवार को नाराजगी जताई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आरक्षण विरोधी पार्टी करार दिया तथा इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।
विपक्षी पार्टी ने भाजपा के वैचारिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी हमला करते हुए कहा कि आरक्षण खत्म करना इसके एजेंडा में शीर्ष पर है।विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर 45 विशेषज्ञ जल्द ही नियुक्ति किये जाने की बात सामने आने के बाद, कांग्रेस ने यह हमला किया है।
आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं–भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) – और ‘ग्रुप ए’ के अन्य सेवाओं के अधिकारी होते हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, जिनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद शामिल हैं। इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरा जाना है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भाजपा को आरक्षण विरोधी पार्टी बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी सच है कि आरक्षण खत्म करना आरएसएस के एजेंडा में सबसे ऊपर है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ करती रहती है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार बार-बार माफी मांगती रहती है और एक ही कृत्य दोहराती रहती है।’’
पटवारी ने कहा कि आरक्षण के मौलिक अधिकार को खत्म करने की कोशिश करना भाजपा की आदत बन गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘शोषित, पीड़ित और वंचित वर्ग की उपेक्षा और अपमान को अगर जल्द खत्म करना है तो भाजपा की जड़ों पर हमला करना होगा।’’
धार जिले के मनावर से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने भी कहा कि भाजपा संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ करती है।
यूपीएससी द्वारा ‘लेटरल एंट्री’ के लिए जारी किये गए विज्ञापन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आरक्षण का कोई उल्लेख नहीं है। आदिवासी संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जेएवाईएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी सवाल किया कि ये किस तरह की नौकरियां हैं।
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व सहायक प्रोफेसर ने कहा, ‘‘अगर (नरेन्द्र) मोदी सरकार विज्ञापन वापस नहीं लेती है तो जय आदिवासी युवा शक्ति एससी/एसटी (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।’’