कांग्रेस ने धन विधेयक से जुड़े मामले पर फैसला सीजेआई के सेवानिवृत्त होने से पहले आने की उम्मीद जताई

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 15 जुलाई (ए) कांग्रेस ने संसद में कई विधेयकों को धन विधेयक के रूप में पारित किये जाने से जुड़े मामले पर सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय के संविधान पीठ गठित करने के निर्णय का सोमवार को स्वागत किया और उम्मीद जताई कि मौजूदा प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के इस साल नवंबर में सेवानिवृत्त होने से पहले इस पर फैसला आ जाएगा।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार ने धन विधेयक से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 110 का घोर दुरूपयोग किया है।

उच्चतम न्यायालय उन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार को तैयार हो गया, जिनमें राज्यसभा को कथित तौर पर दरकिनार करने के लिए ‘आधार’ अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता को चुनौती दी गई है।

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रमुख कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायूमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से आग्रह किया था कि दलीलें पूरी हो चुकी हैं और याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की जरूरत है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जब मैं संविधान पीठ का गठन करूंगा, तब निर्णय लूंगा।’’

रमेश ने न्यायालय के इस कदम को लेकर ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पिछले 10 वर्षों में कई विधेयकों को संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत धन विधेयक घोषित कर संसद में पारित किया गया है। इसका एक प्रमुख उदाहरण 2016 का ‘आधार’ अधिनियम है। मैंने इसे धन विधेयक घोषित किये जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश ने अपने फैसले में इस घोषणा को ‘संविधान के साथ धोखाधड़ी’ कहा था। मैंने इस तरह के अन्य मामलों को भी चुनौती दी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘2014 से अनुच्छेद 110 के घोर दुरुपयोग पर याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक अलग संवैधानिक पीठ गठित करने का प्रधान न्यायाधीश का आज का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है। उम्मीद है कि नवंबर 2024 में उनके सेवानिवृत्त होने से पहले अंतिम निर्णय आ जाएगा।’’