Site icon Asian News Service

केरल: पी.वी. अनवर ने विधायक पद से इस्तीफा दिया, यूडीएफ को बिना शर्त समर्थन की घोषणा की

Spread the love

तिरुवनंतपुरम: 13 जनवरी (ए) केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से अलग होकर हाल में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए विधायक पी.वी. अनवर ने सोमवार को नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह ऐलान भी किया कि वह इस निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव नहीं लड़ेंगे।

अनवर ने विधानसभा अध्यक्ष ए.एन. शमसीर से उनके कक्ष में मुलाकात की और सुबह अपना त्यागपत्र सौंपा।

अनवर ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत एलडीएफ समर्थित विधायक के रूप में नीलांबुर सीट जीती थी। उन्होंने हाल ही में घोषणा की थी कि वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राज्य समन्वयक के रूप में काम करेंगे।

विधायक के तौर पर अभी उनका डेढ़ वर्ष का कार्यकाल बचा है, उससे पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।

कारोबारी से राजनेता बने अनवर ने स्पष्ट किया कि हालांकि, पहले उनका इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन उन्होंने ममता बनर्जी के सुझाव पर इस्तीफा देने का फैसला किया। बनर्जी के साथ उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए विस्तृत चर्चा की थी।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से उनका इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया। ऐसी संभावना थी कि माकपा नीत एलडीएफ, अनवर को अयोग्य घोषित कराने के लिए कदम उठा सकता है। इसे ही उनके इस्तीफे का कारण बताया जा रहा है।

अनवर के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद, पश्चिम बंगाल में तृणमूल नेतृत्व ने आधिकारिक तौर पर उन्हें केरल राज्य का संयोजक घोषित कर दिया।

तृणमूल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के मार्गदर्शन में तृणमूल कांग्रेस को केरल के संयोजक की घोषणा करते हुए काफी खुशी हो रही है। हम उनके (अनवर के) प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।’’

इस्तीफा सौंपने के बाद यहां अनवर ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने शनिवार को ही अपने आधिकारिक ई-मेल से विधानसभा अध्यक्ष शमसीर को इस्तीफा भेज दिया था।

अनवर ने यह भी घोषणा की कि वह नीलांबुर सीट से उपचुनाव नहीं लड़ेंगे और निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को अपना समर्थन देंगे।

अनवर ने कहा, ‘‘मैं नीलांबुर (आगामी उपचुनाव में) से चुनाव नहीं लड़ूंगा…यूडीएफ को बिना शर्त समर्थन दूंगा। हम इस क्षेत्र में यूडीएफ उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देंगे।’’

उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और ‘‘पिनराईवाद’’ के खिलाफ है और वह कांग्रेस नेताओं से अनुरोध करेंगे कि वे निर्वाचन क्षेत्र में ईसाई समुदाय के एक उम्मीदवार को मैदान में उतारें ताकि उनमें विश्वास पैदा हो सके, क्योंकि जंगली जानवरों के हमलों के कारण उन्हें पहाड़ी इलाकों से जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मलप्पुरम जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वी.एस. जॉय को इस सीट से मैदान में उतारने का आग्रह किया और दावा किया वह 30,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज करेंगे।

हालांकि, जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह कांग्रेस की प्रदेश इकाई के महासचिव एवं फिल्मी हस्ती तथा नीलांबुर में उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे आर्यदन शौकत को यूडीएफ उम्मीदवार के रूप में समर्थन देंगे, तो उन्होंने कांग्रेस नेता पर कटाक्ष किया और कहा, ‘‘वह कौन है? ओह …वह एक फिल्मी हस्ती है और वह कहानी लिख रहे हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ माकपा नेता और मुख्यमंत्री विजयन के राजनीतिक सचिव पी. शशि ने उनसे विपक्ष के नेता के खिलाफ 150 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोपों को उठाने के लिए कहा था।

अनवर ने दावा किया कि शशि ने उन्हें सतीशन के खिलाफ आरोपों को एक लिखित दस्तावेज के रूप में सौंपा था और इस बात पर जोर दिया था कि सदन में आरोपों को उठाने के लिए वह उपयुक्त व्यक्ति हैं।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से उठाया गया था और उन्होंने शशि की बातों पर भरोसा करके आरोपों की सत्यता की जांच नहीं की।

उन्होंने कहा, “मैं वी डी सतीशन और उनके परिजनों से इन आरोपों के कारण उत्पन्न अपमानजनक स्थिति के लिए माफी मांगता हूं।”

अनवर ने आगे दावा किया कि उन्होंने मार्क्सवादी पार्टी के “शीर्ष-स्तरीय नेतृत्व” की अनुमति और जानकारी के साथ शशि और मुख्यमंत्री विजयन के करीबी आईपीएस अधिकारी अजितकुमार के खिलाफ खुलासे किए थे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके दावों को खारिज करने के बाद उन्होंने (शशि और अजितकुमार ने) उनके फोन का जवाब देना बंद कर दिया।

पत्रकारों द्वारा बार-बार पूछे जाने के बावजूद अनवर उनके नामों का खुलासा करने से हिचक रहे थे।

तृणमूल के साथ जुड़ने को लेकर नेता ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ मानव-पशु संघर्ष के महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की। यह मुद्दा केरल सहित देश के कम से कम 13 राज्यों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा कि बनर्जी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को संसद में उठाएंगी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तथा ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य नेताओं के साथ इस पर चर्चा करेंगी।

अनवर ने कहा, ‘‘मैं केरल के ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले डेढ़ करोड़ लोगों के हित के लिए अपना विधायक पद छोड़ रहा हूं।’’

विधानसभा चुनाव में 2016 और 2021 में वाम समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नीलांबुर से जीतने वाले अनवर के कई मुद्दों पर सत्तारूढ़ मोर्चे के खिलाफ रुख के बाद माकपा ने उनसे नाता तोड़ लिया था। इसके दो माह बाद अनवर ने ‘डेमोक्रेटिक मूवमेंट ऑफ केरल’ (डीएमके) का गठन किया था।हाल ही में, अनवर को उनके निर्वाचन क्षेत्र में हाथी के हमले में एक आदिवासी व्यक्ति की मौत के विरोध में एक वन कार्यालय में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

Exit mobile version