गडकरी को धमकी भरे फोन कॉल मामले में नागपुर पुलिस आरोपपत्र दाखिल करेगी

राष्ट्रीय
Spread the love

नागपुर, 28 जून (ए) केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को धमकी भरे फोन कॉल के संबंध में नागपुर पुलिस आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत दर्ज मामले में आरोप पत्र दाखिल करेगी। यह जानकारी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को दी।.

अधिकारी ने कहा कि नागपुर की एक विशेष एनआईए अदालत ने शहर पुलिस के उस अनुरोध को सोमवार को स्वीकार कर लिया, जिसमें आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 50 दिन और मांगे गए थे, क्योंकि मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को हस्तांतरित नहीं किया जा सका था।.

अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने यहां धंतोली थाने में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम या यूएपीए के तहत दर्ज मामले को हस्तांतरित करने की कोशिश की और बेंगलुरु और नागपुर में विशेष एनआईए अदालतों के समक्ष आवेदन दायर किया।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हालांकि, दोनों अदालतों ने आवेदन खारिज कर दिए और संघीय एजेंसी को उच्चतम न्यायालय का रुख करने का निर्देश दिया। अधिकारी ने कहा, ‘‘एनआईए ने अभी तक शीर्ष अदालत में आवेदन दाखिल नहीं किया है, जिससे यूएपीए मामला शहर पुलिस के हाथ में है।’’

मामले के मुख्य आरोपी की पहचान हत्या के दोषी जयेश पुजारी उर्फ कंथा के रूप में की गई है, जो पहले से ही सलाखों के पीछे था। उसे नागपुर पुलिस ने कर्नाटक की एक जेल से हिरासत में लिया था।

अधिकारी ने कहा कि इधर मामला दर्ज होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करके एनआईए को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अपराध शुरू में बेंगलुरु में दर्ज किया गया था और एनआईए की मुंबई इकाई को जांच संभालने के लिए कहा गया था।

अधिकारी ने कहा कि मई के अंत में, मामले को आगे बढ़ाने के लिए एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल भी नागपुर में तैनात किया गया था। अधिकारी ने कहा, हालांकि, प्रक्रियात्मक विलंब ने जांच आगे बढ़ने में बाधा उत्पन्न की।

पुलिस के मुताबिक, पुजारी ने खुद को दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य बताते हुए 14 जनवरी को नागपुर में गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में धमकी भरा फोन किया और 100 करोड़ रुपये की मांग की। उस वक्त वह पहले से ही जेल में था।

पुलिस ने कहा कि पुजारी ने 21 मार्च को एक और फोन किया और धमकी दी कि अगर उसे 10 करोड़ रुपये नहीं दिए गए तो वह भाजपा के लोकसभा सदस्य को नुकसान पहुंचाएगा।

पुजारी को 28 मार्च को कर्नाटक के बेलगावी शहर की एक जेल से नागपुर लाया गया और उसके खिलाफ सख्त यूएपीए लगाया गया।

एक अधिकारी ने पहले कहा था कि पुजारी के लश्कर-ए-तैयबा के दक्षिण डिवीजन प्रमुख कैप्टन नसीर सहित आतंकवादियों के साथ संबंध होने के कारण एनआईए ने जांच शुरू की। उन्होंने दावा किया था कि हत्या के दोषी ने उत्तर-पूर्व में हथियारों का प्रशिक्षण भी लिया था।