अहमदाबाद, सात अक्टूबर (ए) गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने एक चुनी हुई सरकार के मुखिया के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20वें साल में प्रवेश करने पर बुधवार को एक आनलाइन रैली को संबोधित किया।
रूपाणी ने कहा कि यद्यपि मोदी अब राष्ट्रीय राजधानी के निवासी हैं लेकिन गुजरात उनकी आत्मा है।
मोदी ने 2001 में आज ही के दिन गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और 2014 में प्रधानमंत्री बनने तक इस पद पर रहे।
रूपाणी ने फेसबुक पर सीधे प्रसारित अपने भाषण में मोदी को ‘‘56 इंच के सीने’’ वाला एक प्रधानमंत्री बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के शासन में आतंकवादी हमला अतीत की बात हो गई है। पहले अक्सर बम विस्फोट होते थे लेकिन मोदी ने आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की और उनका सफाया किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार भारत ने 56 इंच के सीने वाला प्रधानमंत्री देखा है।’’
रूपाणी ने मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल के दौरान और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में पूरी की गई कई बड़ी परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया, जैसे साबरमती रिवरफ्रंट, गुजरात के गांवों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति, रोरो फेरी सेवा और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी।
उन्होंने कहा, ‘‘वह मोदी ही थे जिन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभालने के 17 वें दिन सरदार सरोवर बांध पर गेट लगाने की अनुमति देकर नर्मदा परियोजना को पूरा किया।’’
रूपाणी ने कहा, ‘‘गुजरात प्रधानमंत्री मोदी की आत्मा है। आज भी, जब वह दिल्ली में बैठे हुए हैं गुजरात के बारे में चिंतित रहते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य पीछे नहीं रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गोधरा दंगों के बाद गुजरात दंगा-मुक्त बन गया। कांग्रेस शासन के दौरान दंगे होते थे लेकिन मोदी ने उन पर पूरी तरह से रोक लगा दी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘गोधरा घटना के बाद विरोधी मोदी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते थे लेकिन वह विचलित नहीं हुए। इसके बजाय उन्होंने उनकी ओर फेंके गए पत्थरों का इस्तेमाल ऊपर चढ़ने के लिए सीढ़ी बनाने के लिए किया।’’
भाजपा प्रदेश प्रमुख पाटिल ने प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए दावा किया कि कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाने के उनके निर्णय से मौतों की संख्या कम रही।
पाटिल ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मोदी के तहत भारत ने एक संभावित युद्ध की तैयारियां शुरू करके चीन को एक कड़ा संदेश दिया। विश्व को अब यह एहसास हो गया है कि भारत में चीन से अकेले ही निपटने की क्षमता है।’’