नयी दिल्ली: 29 नवंबर (ए) कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि देश में चुनावी प्रक्रिया की शुचिता से गंभीर समझौता किया जा रहा है। इसके साथ ही उसने कहा कि पार्टी इस संबंध में लोगों की चिंताओं को राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन, संभल हिंसा की पृष्ठभूमि में उपासना स्थल कानून, मणिपुर हिंसा और कई अन्य विषयों पर चर्चा की गई।कार्य समिति ने एक प्रस्ताव में दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा उपासना स्थल कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।
प्रस्ताव में महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावी नतीजों का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘‘पूरी चुनावी प्रक्रिया की शुचिता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक संवैधानिक दायित्व है, जो निर्वाचन आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली के कारण गंभीर सवालों के घेरे में आ रहा है।’’
कार्य समिति ने कहा, ‘‘समाज के कई वर्ग निराश और बेहद आशंकित हो रहे हैं। कांग्रेस इन जन चिंताओं को एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाएगी।’’
प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस कार्य समिति झारखंड की जनता को झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य घटक दलों को दिए गए निर्णायक जनादेश के लिए धन्यवाद देती है।
इसमें कहा गया है कि झारखंड की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा के खतरनाक रूप से विभाजनकारी और जहरीले ध्रुवीकरण अभियान को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
प्रस्ताव के मुताबिक, कार्य समिति जम्मू कश्मीर की जनता को स्पष्ट तरीके से नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन में विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देती है।
उसने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में हमारा अपना प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए था। हमारी पार्टी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाना जारी रखेगी।’’
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति यह भी स्वीकार करती है कि हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन सभी उम्मीदों के विपरीत रहा है। कांग्रेस को राज्य में भारी अंतर से सरकार बनानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राज्य में चुनावी गड़बड़ियों ने नतीजों को प्रभावित किया है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’
कार्य समिति ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में पार्टी का प्रदर्शन और हमारे एमवीए सहयोगियों का प्रदर्शन समझ से परे है और वास्तव में चौंकाने वाला भी है। चुनावी नतीजे सामान्य समझ से परे हैं। यह स्पष्ट रूप से लक्षित हेर-फेर का मामला प्रतीत होता है।’’
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति आशा और विश्वास व्यक्त करती है कि कांग्रेस अध्यक्ष जल्द ही विस्तृत राज्यवार समीक्षा पूरी करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे, खासकर संगठनात्मक मामलों के संबंध में। इन मामलों पर एआईसीसी स्तर पर और सभी राज्यों में तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।’’
इसके अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति सभी स्तरों पर कांग्रेस संगठन से इस मोड़ पर अधिकतम शक्ति और दृढ़ता को एकजुट करने का आह्वान करती है।
कार्य समिति ने कहा, ‘‘निराश होने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पहले से कहीं अधिक एकता और अनुशासन की आवश्यकता है।’’उसने पूर्ण सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने पर भी जोर दिया।
कार्य समिति ने आरोप लगाया कि संसद का शीतकालीन संसद सत्र अब तक तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों-अदाणी, मणिपुर हिंसा और सांप्रदायिक तनाव, पर तत्काल चर्चा करने से बचने की मोदी सरकार की हठधर्मिता के कारण बर्बाद हो गया है।
प्रस्ताव में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाद्रा की भारी जीत का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता में खास तौर पर उत्साह की लहर पैदा हुई है।