खूंटी (झारखंड): 23 सितंबर (ए) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि 12 से अधिक मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री एक आदिवासी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए उसके पीछे पड़े हैं।
सोरेन ने कहा कि यदि केंद्र झारखंड को 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया या उसका ब्याज दे दे तो, ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ (जेएमएमएसवाई) के तहत वित्तीय सहायता बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति माह कर दी जाएगी।सोरेन ने खूंटी जिले में एक सरकारी समारोह ‘आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार’ को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नेता झारखंड में ‘गिद्धों’ की तरह मंडरा रहे हैं। सोरेन का परोक्ष तौर पर इशारा भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ की ओर था।
उन्होंने कहा, ‘‘आगामी चुनावों के मद्देनजर देशभर से भाजपा की टोली झारखंड में प्रवेश कर रही है। देश के करीब 12 मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री यहां के एक आदिवासी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए उसके पीछे पड़े हैं। देखते हैं कि कौन ज्यादा ताकतवर है, पूंजीपति या राज्य के गरीब।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा के बड़े नेता झारखंड में घूम रहे हैं और लोगों को हिंदू-मुस्लिम, आदिवासी-गैर आदिवासी, पिछड़ा-अगला के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
सोरेन ने कहा कि उन्होंने सोमवार को भारत सरकार को पत्र लिखकर राज्य का 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया देने को कहा है।
सोरेन ने कहा, ‘‘मैंने कहा है कि अगर वह हमें पूरा बकाया नहीं दे सकती, तो कम से कम उसका ब्याज तो दे दे। यदि हमें ब्याज भी मिल जाता है, तो हम जेएमएमएसवाई के तहत सहायता राशि 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर देंगे।’’
झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कहते हैं कि जेएमएमएसवाई वोट के लिए शुरू की गई थी।
सोरेन ने कहा, ‘‘उन्होंने गरीबों को कुछ नहीं दिया। अब जब हम उन्हें उनका हक दे रहे हैं, तो इन लोगों (भाजपा नेताओं) को दर्द हो रहा है।’’
सोरेन ने कहा कि गांवों में कई परिवारों को गरीबी के कारण बीमारी या बच्चों की पढ़ाई के लिए साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने गांवों को इस तरह सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा है कि किसी भी परिवार को कर्ज लेने की जरूरत न पड़े। आने वाले पांच सालों में हम हर घर में एक लाख रुपये पहुंचाएंगे।’’
उत्पाद सिपाही भर्ती अभ्यर्थियों की हाल ही में हुई मौतों का जिक्र करते हुए सोरेन ने कहा, ‘‘यह ज्ञात है कि कोविड काल में दी गई टीके की खुराक दोषपूर्ण थी, जो झारखंड में आबकारी सिपाही पद के 12 से अधिक अभ्यर्थियों की मौत के पीछे कारण हो सकती है। मैंने विस्तृत जांच के लिए मेडिकल जांच का गठन किया है।’’
सोरेन ने आरोप लगाया कि जिस टीके पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, उसे भारत में जारी रखा गया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भी वही टीका दिया गया है। मुझे नहीं पता कि मैं भाषण देते समय कब गिर जाऊंगा।