नयी दिल्ली,27 दिसंबर (ए)। गुणवत्ता मानक जांच में दवाइयों के विफल रहने के मामले को उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास भेजे जाने के कुछ दिनों बाद राजनिवास के अधिकारियों ने बुधवार को दौरे और मिर्गी के उपचार में उपयोग आने वाली एक अन्य दवा को भी नकली होने की रिपोर्ट की है।
सक्सेना ने पिछले हफ्ते उन दवाओं की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जो ‘‘गुणवत्ता मानक जांच में विफल रही थीं’’ और उनकी वजह से ‘लोगों की जान को खतरे में पड़ने की आशंका थी।’’अधिकारियों के अनुसार दिल्ली सरकार के अस्पतालों से लिया गया अन्य दवा नमूना भी चंडीगढ़ के क्षेत्रीय औषध जांच प्रयोगशाला की जांच में विफल रहा है। इस बार, मिर्गी विरोधी दवा ‘सोडियम वालप्रोएट’ मानक पर खरा नहीं उतरी है।
एक अधिकारी ने बताया कि 22 दिसंबर को एक सरकारी विश्लेषक ने यह रिपोर्ट जारी की।
अधिकारियों ने बताया कि जिन दवाइयों को ‘घटिया’ पाया गया है उनमें फेफड़े के उपचार में उपयोग आने वाला और मृत्राशय संक्रमण को दूर करने वाला जीवन रक्षक अहम एंटीबायोटिक सेफालेक्सिन शामिल है।
उन्होंने बताया कि ऐसी दवाइयों में फेफड़े एवं जोड़ में खतरनाक सूजन, शरीर में सूजन के उपचार में उपयोग आने वाला स्टेरॉयड डेक्सामथासोन तथा मिर्गी, अवसाद रोधी दवा लेवेटिरासेटम और उच्च रक्तचाप रोधी दवा अम्लोडायपाइन शामिल हैं।