नयी दिल्ली, 29 जून (ए) दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) को पत्र लिखकर बिजली नियामक के लिए प्रधान सलाहकार (शुल्क) के तौर पर अशोक कुमार सिंघल की नियुक्ति के संबंध में तीन पूर्व एवं एक मौजूदा डीईआरसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की।.
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने इस मुद्दे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, वहीं सिंघल ने इस पूरे मामले को ‘‘निरर्थक’’ बताया है।.उन्होंने ‘ कहा, ‘‘इसमें कोई समस्या नहीं है। मेरी नियुक्ति उचित तरीके से हुई है
निदेशालय ने 27 जून को एक पत्र में कहा कि डीईआरसी सदस्य सिंघल की प्रधान सलाहकार (शुल्क) के रूप में नियुक्ति के मामले की जांच की गई।
इसमें कहा गया , ‘‘यह सामने आया है कि डीईआरसी ने इस मुद्दे की कानूनी रूप से जांच नहीं की और डीईआरसी के सदस्य का पद छोड़ने के बाद प्रमुख सलाहकार (शुल्क) के रूप में अशोक कुमार सिंघल के चयन में पूरी तरह से पक्षपाती रही है।’’
निदेशालय ने कहा कि डीईआरसी ने विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 89(5) का ‘‘उल्लंघन’’ किया है, क्योंकि सिंघल को डीईआरसी के सदस्य का पद छोड़ने के बाद प्रमुख सलाहकार (शुल्क) के रूप में नियुक्त किया गया।
बिजली मंत्रालय ने डीईआरसी सदस्य के खिलाफ जांच के लिए फरवरी में एपीटीईएल को पत्र लिखा था