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देश में लागू नई आपराधिक न्याय प्रणाली का मूल आधार दंड नहीं बल्कि न्याय है: मोदी

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नयी दिल्ली: 15 अगस्त (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में लागू नई आपराधिक न्याय प्रणाली का मूल आधार दंड नहीं बल्कि न्याय है।

लाल किले से 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने लोगों पर से हजारों कानूनों के बोझ को खत्म कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के जीवन में सरकार का हस्तक्षेप कम हो गया है।मोदी ने कहा कि सरकार ने डेढ़ हजार से अधिक कानूनों को समाप्त कर दिया है, ताकि कानूनों के जंजाल के अंदर देशवासियों को फंसना न पड़े।उन्होंने कहा कि कानून में छोटी-छोटी गलतियों के लिए भी जेल की सजा का प्रावधान करने वाले कानूनों को भी खत्म कर दिया गया है।

तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है।

उन्होंने कहा कि पिछले महीने लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का मूल उद्देश्य लोगों के लिए न्याय है, न कि दंड।

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