नयी दिल्ली, आठ नवंबर (ए) भारत में एक दिन में कोविड-19 के 11,451 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,43,66,987 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,42,826 हो गई है, जो 262 दिन में सबसे कम है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी कि गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 266 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,61,057 हो गई है। देश में लगातार 31 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 134 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,42,826 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.42 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,019 की कमी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.24 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, दैनिक संक्रमण दर 1.32 प्रतिशत है, जो पिछले 35 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 1.26 प्रतिशत है, जो पिछले 45 दिन से दो प्रतिशत से कम बनी हुई है। अभी तक कुल 3,37,63,104 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 108.47 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में जिन 266 लोगों की मौत हुई, उनमें से केरल के 201 और महाराष्ट्र के 16 लोग थे। देश में संक्रमण से अभी तक कुल 4,61,057 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से कर्नाटक के 1,40,388 , महाराष्ट्र के 38,112 , तमिलनाडु के 36,220 , केरल के 33,716 , दिल्ली के 25,091 , उत्तर प्रदेश के 22,903 और पश्चिम बंगाल के 19,226 लोग थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।